बोकारो (झारखण्ड) : पितृ सेवा के अलावे पत्रकारिता जगत से अपनी समाज सेवा से राष्ट्र सेवा की ओर उन्मुख अजीत सिन्हा ने राष्ट्र में मीडिया व पत्रकारिता जगत से जुड़ने वाले सभी साथियों को शुभ कामनाएँ देते हुये अपने रुंधे गले से अपने दिवंगत सभी पत्रकार साथियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आंखे हैं नम, लेकिन पत्रकारिता दिवस कैसे मनायें है हम?
आगे उन्होंने कहा कि वैसे तो पत्रकारिता बहुत ही जोखिम भरा कार्य है. खासकर उनके लिए जो सच्ची पत्रकारिता करते हैं, क्योंकि उन पर शासन - प्रशासन की टेढ़ी नजर हमेशा रहती है. क्योंकि इसी पत्रकारिता जगत से उनकी करनी का पर्दाफाश होता है. साथ में नेतागिरी को अपनी व्यापार समझने वालों से भी इस जगत का टकराव हमेशा होता रहता है. लेकिन जिन्होंने अपनी लेखनी को बेच दी है और सत्ता एवं शासन - प्रशासन के दलाल बने बैठे हैं, उनके लिए पत्रकारिता मंच बहती गंगा में हाथ धोने जैसा है।
इस भीषण कोरोना काल में देश ने मेरी जानकारी के मुताबिक कम से कम 150 से ऊपर पत्रकारों को खो दिया। जिसमें 25 प्रतिशत तो उच्चतम दर्जे के पत्रकार थे और उनमें आज तक के रोहित सरदाना भी थे. अभी जी न्यूज के सुधीर चौधरी कोरोना ग्रसित ही चल रहे हैं. इसके अलावे अधिकतर वैसे पत्रकार जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर देश के जनमानस को नित्य - प्रतिदिन के समाचारों से अवगत कराने हेतु, ग्राउंड रिपोर्टिंग हेतु फील्ड में उतरे और महामारी से मौत को गले लगाया। वे वास्तव में शहीदी या बलिदानी का दर्जा तो रखते ही हैं. साथ में उस मुताबिक सुविधाएं भी उनके परिजनों को केन्द्रीय और राज्य सरकारों से मिलनी चाहिये। इस पत्रकारिता दिवस पर वास्तव में देश के पत्रकार साथियों की आंखें नम हैं, लेकिन क्या करें सभी नियति के आगे विवश हैं. जबकि इसके ज़िम्मेवार परमात्मा नहीं हैं अपितु चीन द्वारा प्रायोजित जैविक युद्ध है.
अब हम सभी को आगे की सुधि लेनी है और यह जानकर और मानकर चलें कि परमात्मा की अदालत में क्षम्यता नहीं, इसलिये दोषियों को सजा अवश्य मिलेगी चाहे वैश्विक जगत दोषी को सजा दे या न दे. साथ में अपने पत्रकारिता जगत के मित्रों से इतना ही कहना चाहूँगा कि आप सत्य की राह पर चलकर ही रिपोर्टिंग करें। एक बार पुनः नम आँखों से अपने दिवंगत पत्रकार साथियों को अश्रु पूर्ण श्रद्धांजलि और पत्रकारिता जगत के सुनहरी भविष्य हेतु राष्ट्र के सभी पत्रकार मित्रों को अनंत शुभकामनाएं।