राँची (झारखण्ड) : धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से संबंधित अजीत सिन्हा ने देश के वैसे वर्गों को सावधान करते हुए कहा कि यदि विपदा ग्रस्त लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर कोई भी इंसान, संगठन या दल धन बनाते हैं तो हो सके सरकार द्वारा दण्डित होने से अपने पैसे एवं रसूख की बदौलत बच जायें लेकिन वे परमात्मा पर ब्रह्म श्री चित्रगुप्त की अदालत में अवश्य ही दण्डित होंगे। क्योंकि परमात्मा की लाठी में आवाज नहीं होती लेकिन दण्डित व्यक्ति पर जब दुःखों का पहाड़ टूट पड़ता है, तब उसे अपने किये-करनी पर पश्चाताप करने के सिवा कुछ भी नहीं बचता। वर्तमान समय में तो वह अपने कर्मों का भोग तो भोगता ही है साथ में उसकी भावी पीढ़ी को भी उसके करनी की भरपाई करनी होती है।
आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आई कोरोना की महामारी ने हम इंसानो को औकात बता दी है. क्या राजा - क्या रंक ने अपनी जान बचाने हेतु सब कुछ दाव पर लगा दिया लेकिन जिनकी आयु परमात्मा के दरबार में बची हुई थी,वे ही बच पाये हैं और बाकियों को दिवंगत होना पड़ा। लेकिन ईलाज के दौरान जिन लोगों ने बीमार लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाया है वे परमात्मा के द्वारा अवश्य ही दण्डित होंगे। चाहे वह अधिक कीमतों पर दवाई बेचने का मामला हो या अधिक कीमत पर आॅक्सीजन सिलेंडर या बेडों के प्रबंधन में पैसे लेने का मामला हो या प्राइवेट अस्पतालों द्वारा ओवर बिलिंग का मामला हो या कोरोना के नाम पर पैसा बनाने वाले मुख्यमंत्री, मंत्री या नेतागण हों सभी दण्डित होंगे। यहां पर विदित हो कि यदि सरकारें ऐसी परिस्थिति में जरूरत से ज्यादा लाभ उठाने वालों को दण्डित नहीं करती हैं तो सरकारें भी परमात्मा द्वारा दण्डित होंगीं। मेरी समझ से ऐसे लोगों को अवश्य ही दंड मिलना चाहिये।