फीस जमा, बिना सूचना पहले ऑनलाइन क्लास से बाहर किया, अब बिना मांगे टीसी ले जाने की दे रहे है धमकी

News from - अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी-संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान)

10 वीं के छात्र की फीस जमा, बिना सूचना पहले ऑनलाइन क्लास से बाहर किया, अब बिना मांगे टीसी ले जाने की दे रहे है धमकी

अभिभावक की शिकायत पर संयुक्त अभिभावक संघ ने बाल आयोग को पत्र लिखकर कार्यवाही करने की मांग की 

     जयपुर। फीस को लेकर स्कूलों से चल रहा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है एक तरफ अभिभावक जैसे तैसे कर इस कोरोना काल में अपने बच्चों के भविष्य के खातिर इधर-उधर से जुगाड़ कर बच्चों की फीस जमा करवाने को मजबूर है तो वही दूसरी तरफ निजी स्कूल फीस जमा होने के बावजूद छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन क्लास बन्द कर ना केवल बच्चों को प्रताड़ित कर रहे बल्कि वह अभिभावकों को भी अपना शिकार बना रहे है। अभी कुछ दिनों पहले शहर के विख्यात जयश्री पेड़ीवाल का ऐसा ही घटनाक्रम देखने को मिला था अब नया मामला शहर की सबसे बड़ी कॉलोनी मानसरोवर का है।

     संघ जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने बताया कि मानसरोवर के शिप्रा पथ रोड़ स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल ने 24 मई को एकाएक 10 वीं के छात्र की बिना किसी कारण गूगल ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी और 25 मई को क्लास टीचर ने स्कूल के सभी व्हाटसअप ग्रुप से हटा दिया। जबकि छात्र के वर्तमान सत्र की पहली तिमाही 20050 रु का भुगतान अभिभावक ने स्कूल में जमा करवा दिया है। टीचर के इस व्यवहार की शिकायत जब अभिभावक ने स्कूल प्रशासन को दी तो 25 मई को दोपहर 1.32 बजे स्कूल प्रशासक विकास द्वारा अभिभावक को सूचना मिली की " मार्च 2021 में आपके अनुरोध पर टीसी तैयार, अब स्कूल आपके बच्चे को स्कूल में जारी रखने की स्थिति में नही है।"

     प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि छात्र के माता-पिता ने स्कूल प्रशासक के इस कृत्य पर तत्काल संज्ञान लिया और स्कूल को मेल स्पष्ट किया और बताया कि उन्होंने बच्ची की टीसी को लेकर कोई डिमांड नही की है. अभिभावक मेल के जरिये यह भी बताया कि स्कूल प्रशासक की सूचना के बाद से उनका बेटा ना ठीक खा रहा है और ना ही ठीक से दोस्तों से बात कर पा रहा है. उन्हें स्कूल को लिखे मेल में यह भी कहा कि उन्हें स्कूल के इस कृत्य पर बच्चे के डिप्रेशन में चले जाने का डर सता रहा है किन्तु स्कूल प्रशासन ने अभिभावक की किसी भी मेल का जवाब अभी तक नही दिया. जिसके बाद अभिभावक ने संयुक्त अभिभावक संघ से मदद मांगी और बाल आयोग को भी पत्र लिखा। 

     छात्र के पिता अभय कपूर ने बताया कि स्कूल संचालकों द्वारा किये गए प्रत्येक कृत्य के तथ्य हमारे पास है, स्कूल प्रशासन ने जानबूझकर योजना के तहत हमें और बच्चे को प्रताड़ित करने का कार्य किया जा रहा है और बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जबकि हमें टीसी की कोई डिमांड नही की और स्कूल के अनुसार बच्चे की 10 वीं क्लास की पहली तिमाही 20050 रु भी जमा करवा दी है। स्कूल प्रशासन के इस दुर्व्यवहार से बच्चे के जीवन पर विपरीत असर पड़ सकता है।

     प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने जानकारी दी कि गुरुवार को अभिभावक द्वारा वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल के घटनाक्रम की जानकारी मिली, यह वाक्य केवल इसी स्कूल का नही है बल्कि अनगिनत स्कूलों का है जो अभिभावक फीस जमा नही करवा पा रहे है उनके साथ तो दुर्व्यवहार हो ही रहा है किंतु जो अभिभावक फीस जमा करवा रहे है उनके साथ भी ऐसा दुर्व्यहार किया जा सकता है यह सरकार और प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है और राइट टू एजुकेशन का खुलकर मख़ौल उड़ाता है। अभिभावक की शिकायत के बाद संयुक्त अभिभावक संघ ने शिक्षा राज्यमंत्री, प्रिंसिपल सेकेट्री शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी और राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है और घटनाक्रम से संबंधित सभी तथ्य भी साथ मे भेजे है।