महिला पत्रकार विनीता पालीवाल को फंसाया 420 के फर्जी मामले में

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"पुलिस कुछ भी कर सकती है" कहावत को सार्थक किया काकंरोली पुलिस ने 

पीपीआई ने मुख्यमंत्री व डीजीपी से पत्रकार की सुरक्षा की मांग की

प्रदेश अध्यक्ष सन्नी आत्रेय व प्रदेश महासचिव भरत शर्मा ने इस मामले में थाना स्थानांतरित कर निष्पक्ष जांच कराने को कहा -

     जयपुर। पुलिस कुछ भी कर सकती है. इस कहावत को राजसमंद जिला के पुलिस थाना कांकरोली पुलिस ने सार्थक किया है. एक फर्जी मामले की कहानी को सत्यता की चादर ओढ़ाकर, महिला पत्रकार विनीता पालीवाल को 420 का आरोपी बना दिया है. महिला पत्रकार ने पिछले दिनों पुलिस की एक खबर प्रकाशित की थी, जिससे पुलिस की छवि धूमिल हुई और इसका बदला लेने के लिए पुलिस ने एक फर्जी मामला बनाते हुए महिला पत्रकार को फंसाया। पीरियोडिकल  प्रेस ऑफ इंडिया (PPI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.सुरेंद्र शर्मा व राष्ट्रीय महामंत्री राकेश कुमार प्रजापति ने एक पत्र के माध्यम से महिला पत्रकार की जान माल की सुरक्षा तथा मामले की  उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा जांच कराने की तत्काल मांग की है.

     उल्लेखनीय है कि पीड़ित महिला एक प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल की रिपोर्टर है तथा पिछले करीब 12 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय है. बताया गया है कि विनीता पालीवाल ने पिछले दिनों कांकरोली पुलिस थाने की एक कारगुजारी का कारनामा प्रसारित किया था, जिसमें पुलिस की लापरवाही से जीवित व्यक्ति को मृत बता दिया था. उक्त समाचार को विनीता पालीवाल ने उजागर किया था. इसी वजह से कांकरोली पुलिस विनीता से बदला लेने की फिराक में थी. विनीता पालीवाल का एक प्लाट के रुपयों का लेनदेन का मसला भवानी सिंह, दिनेश पालीवाल, अर्जुन सिंह चारण,  लक्ष्मण सिंह आदि से चल रहा था. जिसमें महिला पत्रकार लोगों से करीब साढे नौ लाख रुपये मांगती है परंतु उक्त लोगों की नियत में खोट आ गया और पुलिस से मिलकर एक फर्जी कहानी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। रुपए लौटाने के बजाय बीस लाख रुपए लेने का झूठा आरोप लगाया गया है। 

(विनीता पालीवाल)

     महिला पत्रकार द्वारा जारी एक वीडियो में स्पष्ट कहा गया है कि किस तरह से पुलिसकर्मी द्वारा अपनी रिश्तेदारी निभाते हुए महिला पत्रकार को प्रताड़ित कर बदनाम किया जा रहा है। पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया (PPI) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव राकेश कुमार प्रजापति ने एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक तथा पुलिस महानिरीक्षक उदयपुर रेंज को समस्त  पत्रावली तथा वीडियो रिकॉर्डिंग समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए. महिला पत्रकार की जान माल की सुरक्षा तथा मामले की उच्च अधिकारियों से जांच कराने की मांग की है।