SAS ने 14 सूत्रीय मांग पत्र के साथ मुख्यमंत्री सहित मानवाधिकार, महिला और बाल आयोग को लिखा पत्र

News from - अभिषेक जैन बिट्टू (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी-संयुक्त अभिभावक संघ, राजस्थान)

जोधपुर के शेरगढ़ और फलौदी के सरकारी स्कूलों में छात्राओं के साथ शिक्षकों के कृत्यों पर ठोस कार्यवाही की मांग

संयुक्त अभिभावक संघ ने 14 सूत्रीय मांग पत्र के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग और बाल आयोग को लिखा पत्र

     जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जहां शिक्षा पूरी तरह से चरमराई हुई है. वही दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों के घोर कृत्य भी देखने को मिल रहे है। पिछले 3 दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले के शेरगढ़ और फलोदी के दो सरकारी स्कूलों में छात्राओं के साथ किये गए कृत्य पर ठोस कार्यवाही की मांग को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग और बाल आयोग को पत्र लिखकर ठोस कार्यवाही करने की मांग के साथ 14 सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन भेजा है। इस मांग पत्र में संयुक्त अभिभावक संघ ने आरोपी शिक्षक व सहयोगियों से पीड़ित नाबालिक छात्राओं को मुआवजे दिलाए जाने की मांग की है। 

     प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश के प्रत्येक अभिभावकों का संगठन है जो सम्पूर्ण शिक्षा में सुधार को लेकर कटिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। स्कूल चाहे निजी हो या सरकारी हमारा लक्ष्य शिक्षा के सम्मान को बरकरार रखना है और जिन्हें शिक्षा के मंदिरों की संज्ञा दी गई है उनके प्रति छात्रों और अभिभावकों की आस्था को बरकरार रखना है। किंतु इन दिनों सरकारी स्कूलों के शिक्षक ना केवल गुरु-शिष्य के धर्म का अपमान कर रहे है बल्कि शिक्षा के मंदिरों से अभिभावकों व छात्रों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है। 

      अभी तीन दिन पहले दो शिक्षकों ने शेरगढ़ के सरकारी स्कूल में 3 महीनों तक छठी कक्षा की नाबालिग लड़की के साथ ना केवल बलात्कार किया बल्कि उसे प्रेग्नेंट भी कर दिया और किसी को बताने पर उस छात्रा को फेल करने तक कि धमकी दी। इस घटना के पटाक्षेप के दो दिन बाद ही जोधपुर जिले के ही फलोदी क्षेत्र से एक खबर और सामने निकलकर आई जिसमे भी आरोपी एक शिक्षक ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर 15 वर्षीय छात्रा को ना केवल अपमानित करने का कार्य किया बल्कि डेढ़ साल तक उस नाबालिग लड़की को ब्लैकमेल कर छेड़छाड़ कर उसका अश्लील वीडियो तक बना डाला। शिक्षकों द्वारा ऐसी घटनाओं को अंजाम देने से ना केवल शिक्षा का अपमान हुआ है बल्कि इन शिक्षकों ने स्वयं के गुरु होने तक को कंलकित किया और छात्रों और अभिभावकों की शिक्षा के मंदिरों प्रति आस्था के साथ खिलवाड़ किया।

     प्रदेश विधि सेल की अधिवक्ता खुशबू शर्मा ने कहा कि जोधपुर जिला में नाबालिक छात्राओ के जीवन को अंधकार में डालने का अपराध स्वयं शिक्षकों द्वारा किया गया है। जोधपुर जिला राज्य के मुख्यमंत्री  ग्रहज़िला है तथा यही के सांसद है जो केंद्र सरकार में मंत्री भी है उसके बावजूद जोधपुर जिले की ऐसी दुर्दशा  एवं अपराधियों  के बुलंद हौंसले देखकर मन व्यथित होता है। लगातार बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं ने शिक्षा के मंदिरों में इंसानियत को शर्मशार किया है। शनिवार को राष्ट्रीय बाल श्रम दिवस भी मनाया गया जहां एक और सरकारें और समाज बच्चों मजदूरी से मुक्ति के लिए संदेश दे रहे है वही दूसरी तरफ बच्चीयों के साथ घोर कृत्य कर अंधकार में डाला जा रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय बाल श्रम मुक्ति दिवस का इस देश मे कोई औचित्य नही बचता है जो मात्र दिखावा करने मात्र हो जिस पर कोई योजनाएं ना बनती हो और ना ही अमल में लाई जाती हो। बच्चों-बच्चियों के साथ हो रहे शोषण पर सरकारों की चुप्पी देश के उज्ज्वल भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकारों को समय रहते बच्चों-बच्चियों के संरक्षण की दिशा में ठोस और गंभीर कदम उठाने होंगे।

जब से सरकार बनी है तब से रिक्त पड़ा है महिला आयोग अध्यक्ष का पद, ऐसे में बालिकाओं को कैसे मिले न्याय

     प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से अब तक ढाई साल का समय निकल चुका है किंतु सरकार ने महिला आयोग जैसे विभाग को अभी तक गंभीरता से नही लिया, ढाई साल से महिला आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त चल रहा है ऐसे में शिकायतकर्ता महिला आयोग की कैसे सेवाएं लेंवे, कैसे महिलाओ और बालिकाओं को न्याय मिले? संयुक्त अभिभावक संघ ने राजस्थान सरकार से अपील की है कि वह महिलाओ और बालिकाओ के साथ हो रही घटनाओं पर अपनी गंभीरता दर्शाये और रिक्त पड़े महिला आयोग के अध्यक्ष पद की पूर्ति करें जिससे शिकायतकर्ताओं को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।