" सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करवाएं राज्य सरकार " - संयुक्त अभिभावक संघ

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

 संयुक्त अभिभावक संघ और अभिभावकों ने की ..... 

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक रफीक खान से मुलाकात, दिया 7 सूत्रीय ज्ञापन

     जयपुर। निजी स्कूलों की फीस का मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है निजी स्कूलों की हठधर्मिता के खिलाफ गुरुवार को संयुक्त अभिभावक संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अभिभावक जुटे और राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और आदर्श नगर से विधायक रफीक खान से मुलाकात की और सुप्रीम कोर्ट के 03 मई 2021 के आदेश की पालना एवं फीस एक्ट 2016 की पालना सहित 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेंट किया। मांगे नही माने जाने पर अभिभावकों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा इसकी भी चेतावनी दी गई। 

     प्रदेश महामंत्री संजय गोयल ने जानकारी दी कि गुरुवार को प्रातः 8 बजे परिवहन मंत्री के सरकारी निवास स्थान पर संयुक्त अभिभावक संघ अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल के नेतृत्व में सेंट अंसलेम्स स्कूल निवारू रोड़ और मानसरोवर, मयूरा स्कूल आदर्श नगर, एमपीएस स्कूल, सेंट जेवियर स्कूल सी-स्किम सहित अन्य स्कूलों के अभिभावक जुटे और निजी स्कूलों द्वारा बरती जा रही हठधर्मिता की तथ्यों के साथ जानकारी दी व कार्यवाही हेतु 7 मांगों का ज्ञापन दिया गया साथ मांगे नही माने जाने की स्थिति में अभिभावकों को मजबूर सड़कों पर उतरकर राज्य सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों के खिलाफ खड़ा होना होगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी व जवाबदेही राज्य सरकार की होगी। 

     जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि निजी स्कूलों के बर्ताव अब सर से ऊपर आ चुका है कानून के खिलाफ जाकर स्कूलों में फीस बिल्कुल भी जमा नही करवाई जाएगी। हमारी राज्य सरकार से मांग है जो अधिकार अभिभावकों को कानून के तहत मिले है उनकी पालना सुनिश्चित होनी चाहिए। फीस एक्ट 2016 के तहत जो प्रकिया स्कूलों को अपनानी चाहिए वह पूरी प्रकिया स्कूलों को फॉलो करनी चाहिए राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी स्कूलों को संरक्षण देने की नही बल्कि कानून की पालना सुनिश्चित करवाने की है। किन्तु चंदे की लालच और अनगिनत नेताओं के स्कूल होने के चलते ना प्रशासन निजी स्कूलों पर कार्यवाही करता है ना राज्य सरकार इस ओर कोई ध्यान द्वती है। किन्तु अब अभिभावक अपना शोषण बर्दास्त बिल्कुल भी नही करेगा और ईंट का जवाब पत्थर से देंगा। इस दौरान सेंट अंसलेम्स स्कूल से सुशील गुप्ता, पंकज अग्रवाल, मयूरा स्कूल के अंकुर जैन, नितिन भाटिया सहित 2 दर्जन से अधिक अभिभावकों ने मंत्री और विधायक से मुलाकात की। 

परिवहन मंत्री को दिए ज्ञापन की प्रमुख मांगे

1) 03 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए आदेश की पालना सुनिश्चित करवाई जाए।

2) फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करवाई जाए व वर्ष 2021-22 की फीस भी स्कूल फीस एक्ट 2016 की अनुपालना के अनुसार दिलवाने के आदेश सरकार द्वारा प्रसारित किए जावें। 

3) निजी स्कूलों द्वारा जिन छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और रिजल्ट रोके गए है उन्हें तत्काल उपलब्ध करवाई जाए।

4) जो अभिभावक किसी कारणवश फीस जमा नही करवा पा रहे है उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार उन्हें समय उपलब्ध करवाया जाए।

5) जो अभिभावक फीस के चलते स्कूलो से टीसी प्राप्त करना चाहता है उन्हें टीसी तत्काल उपलब्ध करवाई जाए जिससे बच्चे के भविष्य को बचाया जा सके।

6) स्कूल फीस एक्ट 2016 को GSR नोटिफिकेशन संख्या 114 के तहत 14.02.2017 को राज्य सरकार ने लागू किया था। प्रदेश में जिन निजी विद्यालयों में इस एक्ट को लागू होने के बाद भी स्कूल फीस एक्ट 2016 की पालना न करते हुए भी फीस बढ़ाई गई है उसे गैर कानूनी घोषित कर सत्र 2016-17 की फीस को ही एक्ट की पालना करने तक मान्य करवाई जावे व एक्ट की पालना करने तक सत्र 2016-17 की फीस की वसूली के आदेश राज्य सरकार से प्रसारित करवाये जावें।

7) इन सभी मांगो के लिये सरकार विशेष समिति बना कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अक्षरशः पालना करना सुनिश्चित करे।

छात्र-छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दास्त नही होगा, बिना वेक्सिनेशन स्कूल खोले तो परिणाम भुगतने होंगे राज्य सरकार को

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि मीडिया के हवाले से खराब प्राप्त हो रही है कि राज्य सरकार बन्द कमरों में अधिकारियों संग बैठकर निजी स्कूलों के दबाव में आकर स्कूलों और कोंचिग संस्थानों को खोलने की योजना बना रही है। जबकि राज्य सरकार ने अपनी अंतिम गाइडलाइन में यह बाजार शुरू करने के लिए दुकानदारों पर दुकान खोलने से पहले वेक्सिनेशन का जरूरी शब्द के साथ प्रावधान डाला था। उसके बावजूद राज्य सरकार स्कूलों को खोलने की योजना बनाकर छात्र-छात्राओं की जिंदगी से खिलवाड़ करने की साजिश रच रही है जबकि छात्रों की वेक्सिनेशन का कोई अता-पता तक सरकार के पास उपलब्ध नही है जब वैक्सीनेशन के बाद दुकानदारों को दुकान खोलने प्रावधान दिया है तो बिना वेक्सिनेशन स्कूल क्यो खोले जा रहे है। अगर बिना वेक्सिनेशन के स्कूल खोले जाते है तो राज्य सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।