आठ सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम द्वितीय जगजीत सिंह मोंगा को संयुक्त अभिभावक संघ ने दिया ज्ञापन

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू

     सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट की पालना सुनिश्चित करने की मांग, बुधवार तक का दिया अल्टीमेटम, उतरेंगे सड़कों पर

जयपुर। निजी स्कूलो की फीस मसले को लेकर सोमवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल के नेतृत्व में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम बुधवार तक का अल्टीमेटम देते हुए एडीएम द्वितीय जगजीत सिंह मोंगा को अभिभावकों की आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा। इस दौरान मुख्य संचेतक महेश जोशी से भी मुलाकात करनी चाही किन्तु वह नही मिले।

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल फीस मसले को लेकर 03 मई 2021 को अपना अंतिम फैसला सुनाया था, जिसको ढाई महीने से अधिक का समय हो गया है उसके बावजूद निजी स्कूल संचालक कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित नही कर रहे है और मनमाने तरीके से फीस वसूली का दबाव बनाकर अभिभावकों को प्रताड़ित कर रहे है। शिक्षा विभाग को शिकायतें दर्ज करवाई किन्तु वहां पर भी आज दिनांक तक कार्यवाही अमल में नही लाई गई जिसके चलते अभिभावक आक्रोशित है। सोमवार को जयपुर जिलाधीश की अनुपस्थिति में एडीएम द्वितीय जगजीत सिंह मोंगा को आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा गया। 

अभिभावकों की आठ मांगे :-

1) 03 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए आदेश की पालना सुनिश्चित करवाई जाए।

2) फीस एक्ट 2016 की पालना सुनिश्चित करवाई जाए, एक्ट के अनुसार निजी स्कूलों में पीटीए व एसएलएफसी का गठन कर फीस निर्धारित करवाई जाए व वर्ष 2021-22 की फीस भी स्कूल " फीस एक्ट 2016 " के अनुसार निर्धारित करें को लेकर शिक्षा विभाग के प्रत्येक अधिकारियों को " सख्ती के साथ अनुपालना सुनिश्चित " करवाने के निर्देश दिए जाएं।

3) निजी स्कूलों द्वारा जिन छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और रिजल्ट रोके गए है उन्हें तत्काल उपलब्ध करवाई जाए।

4) जो अभिभावक किसी कारणवश फीस जमा नही करवा पा रहे है उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अभिभावकों की यथोस्थिति अनुसार समय उपलब्ध करवाया जाए।

5) जो अभिभावक फीस के चलते स्कूलो से टीसी प्राप्त करना चाहता है उन्हें तत्काल टीसी उपलब्ध करवाई जाए। टीसी लेने वाले अभिभावकों की जिम्मेदारी राज्य सरकार स्वयं लेंवे। जिससे बच्चे के भविष्य को खराब होने से बचाया जा सके।

6) स्कूल फीस एक्ट 2016 को GSR नोटिफिकेशन संख्या 114 के तहत 14.02.2017 को राज्य सरकार ने लागू किया था। प्रदेश में जिन निजी विद्यालयों में इस एक्ट को लागू होने के बाद भी स्कूल फीस एक्ट 2016 की पालना न करते हुए भी फीस बढ़ाई गई है उसे गैर कानूनी घोषित कर सत्र 2016-17 की फीस को ही एक्ट की पालना करने तक मान्य करवाई जाए एवं एक्ट की पालना करने तक सत्र 2016 -17 की फीस की वसूली के आदेश राज्य सरकार प्रसारित करें।

7) 16 मई 2021 को प्रथम ज्ञापन व 5 जून 2021 को रिमाइंडर ज्ञापन के जरिये आपको और शिक्षा मंत्री को ईमेल के जरिये भेजे गए ज्ञापन में " संयुक्त अभिभावक संघ " की ओर से " अधिनियम 2016 के अनुसार खण्डीय फीस विनियामक समिति एवं पुनरीक्षण समिति " गठित करनी की मांग की गई थी। अतः तत्काल " अधिनियम 2016 के अनुसार खण्डीय फीस विनियामक समिति एवं पुनरीक्षण समिति " गठित की जाए। 

8) इन सभी मांगो के लिये बुधवार तक निर्णय लेंवे और राज्य सरकार इन मांगों को लेकर विशेष समिति बना कर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अक्षरशः पालना करना सुनिश्चित करे।

      अन्यथा मजबूर अभिभावकों को पुनः सड़कों पर आना पड़ेगा और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी व जवाबदेही राज्य सरकार की रहेगी।