शिक्षा विभाग ने बिना TC एडमिशन के आदेश तो जारी कर दिए, इसकी पालना भी सुनिश्चित करवाये - संयुक्त अभिभावक संघ

News from - अभिषेक जैन बिट्टू  (प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी-संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान)  

अभिभावक संघ ने शिक्षा विभाग के फैसले का स्वागत किया, राइट टू एजुकेशन की सख्ती से पालना हो

     जयपुर। शिक्षा विभाग ने आरटीई का हवाला देते हुए गुरुवार को कक्षा एक से आठवीं तक किसी भी स्कूल में अब टीसी सहित अन्य किसी भी डॉक्यूमेंट की आवश्यकता को खत्म करने आदेश जारी किए है. जिसका अभिभावकों के सबसे बड़े समूह संयुक्त अभिभावक संघ ने स्वागत किया है। संघ ने कहा कि वैसे तो इसमें नया कुछ भी नही है क्योंकि यह प्रावधान पहले से ही मौजूद है आरटीई एक्ट के अनुसार कक्षा 1 से 8 तक सभी बच्चों की पढ़ाई जरूरी है और इस एक्ट के अनुसार किसी भी स्कूल से अन्य किसी स्कूल में स्थानांतरन करने के लिए टीसी की आवश्यकता नही होती है। 

     संघ प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगाणी ने कहा कि हम शिक्षा विभाग द्वारा पुनः जारी इस आदेश का स्वागत करते है किंतु विभाग से यह भी मांग करते है वह इसकी पालना भी सुनिश्चित करवाये। अधिकतर निजी स्कूल बिना टीसी के बच्चों को एडमिशन नही देते है उन सभी स्कूलों पर कार्यवाही सुनिश्चित होनी चाहिए। अभी हाल ही 03 मई 2021 को देश की सर्वोच्च न्यायलय ने राजस्थान के फीस मसले पर अपना आदेश सुनाया था आज दिनांक तक भी सर्वोच्च न्यायलय के आदेश की पालना सुनिश्चित नही हुई है ऐसे में शिक्षा विभाग से कैसे आशा करे कि उनके द्वारा जारी बिना टीसी एवं अन्य डॉक्यूमेंट के बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित हो जाएगा। 

     प्रदेश कोषाध्यक्ष सर्वेश मिश्रा ने कहा कि पिछले डेढ़ साल के अनुभव के आधार पर यह बताया जा सकता है कि प्रदेश में शिक्षा विभाग से ज़्यादा निजी स्कूलों के आदेश हावी है जिस पर विभाग भी कोई ठोस कदम उठाने से हिचकिचाता है। जब पहला लॉकडाउन हुआ था तब राज्य सरकार ने आदेश जारी किए थे कि " जब तक स्कूल नही तब तक फीस नही " उसके बावजूद निजी स्कूलों ने सरकार के आदेशों को दरकिनार कर दिया था, उसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। अभिभावक लगातार शिकायत दर्ज करवा रहे है किंतु कार्यवाही नही हो रही है। ऐसे में शिक्षा विभाग को आदेश जारी करने से पूर्व पालना सुनिश्चित करवाने पर ध्यान देना चाहिए, केवल खानापूर्ति कर अभिभावकों को बरगलाने और छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही करनी चाहिए।