From - डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव, IRS (retd) (अध्यक्ष, राष्ट्रवादी विकास पार्टी)
भारत के स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राष्ट्रवादी विकास पार्टी के अध्यक्ष डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव ने देश के समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं. अपनी भावनाओं को एक कविता के माध्यम से भी बहुत ही सुंदर शब्दों में व्यक्त किया ---
(डॉ अनूप कुमार श्रीवास्तव) |
जिस क्षिति जल पावक वायु गगन से निर्मित हूँ, वह प्राण मेरे!
मैं कैसे तुमको बतलाऊँ, मेरे जीवन की डोर तुम्हीं!
मेरे हर पाप धुला दे, जो गंगा की अंतिम छोर तुम्हीं!
तुम ही मेरी अंत:प्रज्ञा, चेतनता के हर भाव तुम्हीं,
हर अधोगति के मँझधारों में केवल मेरी नाव तुम्हीं!
तुम जनपद सूबा देश नहीं हो, आन मेरी हो शान मेरे,
तेरी माटी में हो एक जनम फिर, सौ जीवन क़ुर्बान मेरे,
तेरी मिट्टी में चंदन का रज, नदियों में अमृत बहता है,
तू सारे जहाँ से अच्छा है, यह बात जमाना कहता है!
तुम देश नहीं, भूभाग नहीं, तुम रहे सदा सम्मान मेरे,
इंडिया कहें कोई चाहे या कह दे हिंदुस्तान मेरे,
तुम मेरे मात पिता भाई, हर रिश्तों का सम्मान मेरे,
तुमसे हसीन कोई और नहीं, बस तुम अंतिम अरमान मेरे,
भारत तुम स्वाभिमान मेरे”
आप सबको स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएँ l
जय हिंद - जय भारत