लाठीचार्ज और मुकदमेबाजी का डर दिखाने की बजाय अभिभावकों और छात्रों की मांगों को समझे मुख्यमंत्री - संयुक्त अभिभावक संघ

News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

     जयपुर। कोरोना काल से उपजे हालातों के बाद से केवल स्कूलो में ही नही बल्कि कॉलेजों और कोंचिंग संस्थानों की मनमानियों की लगातार शिकायतें बढ़ती जा रही है। संयुक्त अभिभावक संघ ने गुरुवार को कहा केवल स्कूल प्रशासक ही नही बल्कि कॉलेज और कोचिंग प्रशासक भी अभिभावकों और छात्रों के साथ मनमानी कर लगातार लूटने की साजिश रच रहे है और तरह-तरह के षड्यंत्र रचकर प्रताड़ित करने का कार्य कर रहे है। किन्तु प्रदेश का अभिभावक और छात्र अब शिक्षा के प्रति ही नही बल्कि अपने अधिकारों को लेकर भी जागरूक होना प्रारम्भ हो चुके है।

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि पिछले सप्ताह स्कूलो की फीस मसले पर शिक्षा संकुल परिसर के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारियों और अभिभावकों पर ना केवल लाठीचार्ज किया गया बल्कि दुर्व्यवहार भी किया गया और 7 लोग जिसमें राजस्थान में अभिभावकों की आवाज संयुक्त अभिभावक संघ के शीर्ष पदाधिकारी शामिल थे को भी अवैध रूप से गिरफ्तार रखा गया। निजी स्कूलों के दबाव में आकर अभिभावकों को डराने और दबाव बनाने को लेकर विभिन्न धाराओं में मुकदमें दर्ज करवाये गये। ठीक उसी प्रकार कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में भी फीस में राहत की मांग उठ रही है जो जायज मांग है। किंतु राज्य सरकार पूरी तरह से शिक्षा माफियाओ की कैद में जकड़ी हुई है और प्रदेश के करोड़ो अभिभावकों और विधार्थियो के जीवन के साथ ही नही बल्कि उनके भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। बुधवार को जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रों ने फीस में राहत की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया तो उन पर भी दबाव बनाने के लिए लाठीचार्ज किया गया और कुछ विधार्थियो को हिरासत में लेकर उनके भविष्य को दागदार करने की साजिश रची गई। जो निंदनीय है संयुक्त अभिभावक संघ अभिभावकों और छात्रों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की घोर शब्दों में भृतना करता है। 

     प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार और प्रदेश का पूरा शिक्षा विभाग पूरी तरह से शिक्षा माफियाओ के इशारों पर कार्य कर ना केवल उनकी हठधर्मिता का समर्थन कर रहे है बल्कि अभिभावकों और छात्रों को लाठीचार्ज और मुकदमेबाजी का डर दिखा कर डराया धमकाया जा रहा है। राज्य सरकार और प्रशासन स्वयं के कर्तव्यों से विमुख होकर केवल शिक्षा माफियाओ के इशारों पर कार्य कर अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से भाग रहे है। सरकार और प्रशासन की दमनकारी नीतियों से साफ झलकता है कि प्रदेश में कानून का राज नही बल्कि माफिया राज पनप रहा है।

     राज्य सरकार से अपील है वह अपने कर्तव्यों का पालन करे और अभिभावकों और छात्रों पर किये गए सभी मुकदमो को तत्काल वापस लेंवे। जय नारायण विश्वविद्यालय में फीस का विरोध कर रहे छात्रों को रिहा करवाये और अभिभावकों व छात्रों की सभी जायज मांगों को तत्काल पूरा करे। अन्यथा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे दो साल बाद राज्य में आम चुनाव भी है, यही अभिभावक और युवा विद्यार्थी है जो प्रदेश की सत्ता का मार्ग बनाएंगे। निजी स्कूल, कॉलेज और कोंचिंग संचालक फंड दे सकते है किंतु सत्ता का मार्ग तो करोड़ो अभिभावकों और विधार्थियो से होकर गुजरता है। 

     मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील है अभिभावकों और युवाओं की आवाज को लाठीयों और मुकदमेंबाजी का डर दिखाकर दबाने की बजाए अभिभावकों और छात्रों की बात को समझे और प्रदेश को शिक्षा माफियाओ की जकड़ से मुक्त करावे।