एक महीना, 15 दिन, 10 दिन सहित 5 व 3 दिन का उपवास करने त्यागी-तपस्वियों की "जैन समाज" ने की अनुमोदना, किया सम्मान, करवाया सामूहिक पारणा

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

सामूहिक  "क्षमावाणी पर्व" मंगलवार को 

     जयपुर। दिगम्बर जैन धर्म के सबसे पवित्र पर्व भादों माह और दशलक्षण पर्व का सोमवार को श्रद्धा-भक्ति और समर्पण भावना के साथ समापन हो गया है और अब जाने-अनजाने में पूरे वर्षभर में हुई गलतियों के प्रति "सामूहिक क्षमा याचना" का दौर शुरू हो गया है। दिगम्बर जैन धर्म के शास्त्रों में उल्लेखित है कि जैन समाज "पड़वा वाले दिन" अपनी प्रत्येक भूल-चुक पर अपने से छोटे, बडे, महिला, पुरुष आदि सहित नगर में विराजमान साधु-संतो और आर्यिका माताजी सहित सृष्टि के प्रत्येक जीवों और प्राणियों से क्षमा की याचना करते है और सभी को क्षमा प्रदान करते है। 

     मंगलवार को जयपुर सहित देशभर के दिगम्बर जैन मंदिरों में सकल जैन समाज "सामूहिक क्षमावाणी पर्व" मनाएगा। जयपुर में श्याम नगर के वशिष्ठ मार्ग स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान दोपहर मध्याह 4 बजे आदिनाथ भगवान के पंचामृत कलशाभिषेक का भव्य आयोजन होगा और इस दौरान विश्व मे शांति, कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना के साथ व्रहद्र शांतिधारा का आयोजन होगा। इसके उपरांत गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी उपस्थित श्रद्धालुओ को संबोधित करेगी एवं क्षमावाणी पर्व के महत्व पर सभा को सम्बोधित करेगी। 

     अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि दिगम्बर जैन मंदिरों में पड़वा का अति महत्वपूर्ण स्थान है, इस दिन सूर्य अस्त से पूर्व श्रीजी का कलशाभिषेक एवं शांतिधारा का आयोजन होता है जिसके बाद विराजमान संतो के सानिध्य एवं मुखारविंद " क्षमावाणी पर विशेष प्रवचन " होते है। इस दौरान एक पुण्यार्जक श्रेष्ठी परिवार को श्रीजी की माल पहनने का सौभाग्य प्राप्त होता है जो पूरे परिवारजन के साथ श्रीजी की मंगल आरती कर "क्षमा याचना" का सामूहिक दौर का शुभारंभ करते है और क्षमा करते हुए एक-दूसरे को "खोपरा - मिश्री" का सेवन करवाते हुए अपने द्वारा जाने-अनजाने में हुई भूल चूक के लिए माफी मांगते है।

     मंदिर समिति अध्यक्ष निहालचंद पांड्या ने बताया कि सोमवार को श्याम नगर आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में प्रातः 7 बजे से एक माह के भादों माह उपवास, 16 दिन के सोलहकरण उपवास, दशलक्षण धर्म के 10 उपवास, 5 दिनों के पंचमेरु उपवास और 3 दिनों के रत्नत्रय व झर के तेला का उपवास करने वाले सभी त्यागी-वृतियों के त्याग-तप-साधना और आराधना की अनुमोदना की गई और वशिष्ठ मार्ग दिगम्बर जैन समाज एवं प्रबंध कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों द्वारा सभी का माला, तिलक और दुपट्टा ओड़ाकर सम्मान किया गया। जिसके बाद सभी त्यागी-वृतियों का सामूहिक पारणा गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी के मंगल आर्शीवाद के साथ श्याम नगर महिला मंडल और सकल जैन समाज ने सम्पन्न करवाया। इस दौरान समाजसेवी भागचंद बाकलीवाल, सुरेश सबलावत, राजकुमार सेठी, राजकुमार पाटनी, प्रदीप चूड़ीवाला, बंसत बाकलीवाल, राजेन्द्र बड़जात्या, प्रवीण बड़जात्या, अजित पाटनी, राजेश सेठी, वैभव जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण सम्मिलित हुए। 

श्याम नगर दिगम्बर जैन मंदिर में बही भक्ति की रसधार, 2 दर्जन से अधिक श्रद्धालुओ ने किए उपवास 

     गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में आर्यिका गुप्तिमती माताजी ने 20 दिन के उपवास 10 दिन पारणा किये, क्षुल्लिका पदममती माताजी ने 19 दिन उपवास 11 दिन पारणा, ब्रह्मचारी ललिता बाई 19 दिन उपवास 11 दिन पारणा, ब्रह्मचारी मुन्नी बाई 19 दिन उपवास, 11 दिन पारणा, ब्रह्मचारी कुसुम बाई, श्रीमती मधुलिका बक्सी और श्रीमती कांता बाई ने पांच दिनों के  पंचमेरु उपवास किये।

डेढ़ दर्जन श्रद्धालुओं ने किए 10 दिनों के दशलक्षण पर्व उपवास

     मानसरोवर निवासी सर्वेश जैन, निर्वाण नगर निवासी शिल्पा गंगवाल, श्याम नगर निवासी नरेंद्र छाबड़ा सहित कुल 19 श्रावक और श्राविकाओं ने गणिनी आर्यिका रत्न गौरवमती माताजी ससंघ सानिध्य में दशलक्षण पर्व के अवसर पर 10 दिनों के निर्जल उपवास किये थे, वशिष्ठ मार्ग दिगम्बर जैन समाज और प्रबंध कार्यकारिणी द्वारा सभी त्यागी-वृतियों का केसर तिलक, पुष्प माला, साफा पहनाकर सम्मान किया इस दौरान ड्रोन के जरिये सभी त्यागियों पर पुष्पवर्षा की गई।