News from - गोपाल सैनी (कार्यालय सचिव-किसान महापंचायत)
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के “किसानों के हितों के लिए अपनी गर्दन भी कटवा सकता हूं”।
वक्तव्य पर प्रतिक्रिया
मान्यवर साहेब, आपको अपनी गर्दन कटवाने की आवश्यकता नहीं है, बिना गर्दन कटाये किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित कर सकते है.
नई दिल्ली. पंजाब सरकार द्वारा केंद्र के तीन कानूनों के संशोधन विधेयक में गेहूं एवं धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने संबंधी प्रावधान किया गया है. यह प्रावधान तभी प्रभावी हो सकता है, जब इसे राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया जाए किया जाए। वर्तमान परिस्थितियों में यह संभव प्रतीत नहीं होता है।
इस दिशा में भारत सरकार द्वारा 2017 में तैयार किया गया आदर्श कृषि उपज मंडी एवं पशुपालन अधिनियम, 2017 के अनुसार राज्य में “पंजाब कृषि उपज मंडी अधिनियम” में संशोधन सरलता से किया जा सकता है। जिससे केंद्र द्वारा घोषित सभी उपजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त होना सुनिश्चित हो जाएगा । इसमें “आम के आम गुठली के दाम” वाली लोकोक्ति चरितार्थ हो जाएगी । यह सर्वोत्तम काम है और उसके लिए राष्ट्रपति के अनुमोदन की आवश्यकता भी नहीं होगी यह आपके अधिकार क्षेत्र का विषय है।
आप का दिया गया वक्तव्य सत्यता पर खरा उतरे जिससे आपकी कथनी-करनी में अंतर नहीं रहे, यह पंजाब के लिए तो उपादेय होगा ही, सपूर्ण देश के लिए भी उदहारण बनेगा। फिर आपके द्वारा दिए गए वक्तव्य में “किसानी डूबी तो हिंदुस्तान डूब जायेगा ।.......पंजाब सरकार किसानो के साथ खड़ी है और किसानो के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार है” यह कथन भी सार्थक हो जायेगा।
(पुलिस थाना संसद मार्ग नई दिल्ली पर नारेबाजी करते हुए सत्याग्रही) |