मुक्ति के लिए शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति जरूरी - मुनि सिद्धप्रज्ञ

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श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा कांकरोली 

मन्त्र अनुष्ठान से श्रद्धालु में शक्ति जागी

     कांकरोली. महा तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री संजय कुमार, मुनि प्रकाश कुमार  एवं मुनि सिद्धप्रज्ञ के पावन सानिध्य में नवरात्रि का विशेष अनुष्ठान किया गया। मुनि सिद्धप्रज्ञ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर काम के लिए शक्ति की अपेक्षा रहती है। सब शक्ति संपन्न होना चाहते हैं किंतु हमें शक्ति का उपयोग अच्छे कामों में लगाना चाहिए। 

   

     नवरात्रि के दिनों में अनुष्ठान करने से शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति जगती है। इन दिनों में जो अनुष्ठान में मंत्र, जप, यंत्र, तंत्र आदि किए जाते हैं। वह शीघ्र सफल हो जाते हैं। अपेक्षा है हम मंत्रों का विधि पूर्वक उपयोग करे। अपनी शांति के लिए औरों की शांति को भंग नहीं करना चाहिए। नौ देवियों को आराधना करने के लिए मंत्र की आराधना भी जरूरी है। अनुशासन, लज्जा, समता, धीरज, शक्ति, शांति, आनंद एवं तेजस्विता के द्वारा हम अपने भीतर सोई हुई शक्ति को जागृत कर सकते हैं।

     उद्बोधन प्रदान करते हुए मुनि श्री संजय कुमार ने कहा महासती अंजना ने जो कष्टों को समता भाव से सहन किया। इसके पीछे उनकी शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति ही काम कर रही थी। अपेक्षा है हम मंत्र की साधना उच्च स्तर के उद्देश्य को लेकर करें। मुनि श्री प्रकाश कुमार ने मंत्र साधना के विशेष प्रयोग कराते हुए कहा कि मंत्र साधना के लिए दिशा की शुद्धि, वचन की शुद्धि एवं भागों की विशुद्धि जरूरी है. शुद्धि से सिद्धि प्राप्त होती है. गुप्त से मुक्ति मिलती है।

     तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश ने बताया है कि 18 तारीख को कांकरोली का तेरापन्थ समाज का संघ गुरु दर्शन के लिए जाने की तैयारी कर रहा है. महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा पगारिया ने बताया कि 19 अक्टूबर को कांकरोली में विशेष साधना एवं कर्म शुद्धि के लिए विगय वर्जन, निवी तप का आयोजन किया जा रहा है. इसने एक आशन की तरह 6 विगयो का वर्जन किया जाता है. तेरापंथ सभा के मंत्री हिम्मत कोठारी आदि व्यवस्था  में जुटे हुए हैं।