शहर में बढ़ रहे है कोरोना के मामले, स्कूल सरकार की एसओपी का गलत फायदा उठा अभिभावकों पर बना रहे है दबाव

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

 संयुक्त अभिभावक संघ की मांग " राज्य सरकार स्कूलो को ऑनलाइन चलाने के दे निर्देश, दिया 7 दिन का अल्टीमेटम "

     जयपुर। राज्य सरकार के आदेश के बाद सोमवार से प्रदेश में शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खुलने के साथ ही स्कूलो के अंदर कोरोना के मामले सामने आने लगे है। सोमवार को पहले ही दिन जयपुर शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलो में शुमार एसएमएस स्कूल के अंदर 2 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अभिभावकों में हड़कंप मच गया है। संयुक्त अभिभावक संघ ने एसएमएस स्कूल में कोरोना के मामले सामने आने बाद कहा कि " प्रदेश में दीपावली के बाद से लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है, राज्य सरकार ने शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूल खोलने की एसओपी जारी कर अभिभावकों और बच्चों के की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने के साथ - साथ प्रदेशभर के नागरिकों के जीवन से भी खिलवाड़ करने की साजिश रची है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान सरकार से मांग करता है कि वह शतप्रतिशत कैपेसिटी के साथ स्कूलो को खोलने के निर्देश को वापस लेंवे और ऑनलाइन क्लास चलाने के निर्देश सभी स्कूलो को देंवे। 

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने राज्य सरकार से कोरोना और डेंगू से बच्चों व अभिभावकों को सुरक्षित रखने के लिए चेता रहे है साथ ही स्कूलो की हठधर्मिता पर भी लगातार शिकायत दर्ज करवा रहे है। उसके बावजूद निजी स्कूलों ने राज्य सरकार की एसओपी का गलत इस्तेमाल कर अभिभावकों पर आंतक मचाया हुआ है। साथ ही राज्य सरकार ने भी शतप्रतिशत स्कूलो को खोलने के आदेश में स्थिति बिल्कुल भी स्पष्ट नही की हुई है, जिसका फायदा उठा निजी स्कूल संचालक अभिभावकों और छात्रों पर ऑफलाइन क्लास ने शामिल होने का अनैतिक दबाव बना रहे है। अभी जयश्री पेड़ीवाल स्कूल, विद्या आश्रम स्कूल, एमजीडी स्कूल, एमपीएस स्कूल, ज्ञान आश्रम, सीडलिंग स्कूल स्कूल सहित अन्य स्कूलो ने पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास बन्द कर दी है और अब अभिभावकों पर दबाव बना रहे है कि बच्चों को पढ़ाना है तो ऑफलाइन क्लास अटेंड करवाये। स्कूलो की हठधर्मिता को देखकर संयुक्त अभिभावक संघ राज्य सरकार से अभिभावकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो ऑप्शन उपलब्ध करवाए जाने की मांग करता है। 7 दिनों में सरकार ने इस विषय पर कोई कार्यवाही नही की तो मजबूरन अभिभावकों को दुबारा सड़कों पर आना पड़ेगा।