महासंघ की सरकार से वार्ता शुरू हुयी, आंदोलन के कार्यक्रम यथावत रहेंगे

 News from - तेजसिंह राठौड

     जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा जारी राज्यव्यापी आंदोलन के परिपेक्ष्य में आज राजस्थान सरकार ने संवाद कायम कर वार्ता प्रारम्भ की। राज्य के मुख्य सचिव एवं कार्मिक सचिव, महासंघ के प्रतिनिधि मण्डल के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुयी। 

महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने बताया की राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के साथ संवादहीनता बना रखी थी। इस कारण महासंघ को आंदोलन का निर्णय लेना पडा। महासंघ द्वारा प्रशासन गांवो/शहरों के संग शिविरों का बहिष्कार किया जा रहा है। सरकार को मजबूरन वार्ता की मेज पर आना पडा है यह प्रारम्भिक तौर पर महासंघ की सफलता है। महासंघ ने यह निर्णय लिया है कि आंदोलन के चरण यथावत रहेंगे। मुख्य सचिव ने यह आश्वासन दिया कि जिन बिन्दुओं पर सकारात्मक विचार विमर्श हुआ है उन्हें मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जावेगा तथा शीघ्र निर्णय की पहल की जावेंगी। 

वार्ता में महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष आयुदान सिंह कविया, प्रदेश संघर्ष संयोजक महावीर प्रसाद शर्मा ने राज्य सरकार के समक्ष 15 सूत्री मांगो के निराकरण बाबत पुरजोर तरीके से पक्षा रखा एवं राज्य सरकार को स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ कमेटियों का खेल समाप्त कर द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से ही समस्याओं का निराकरण करें। मंत्रालयिक, सहायक कर्मचारी एवं अधीनस्थ संवर्ग के कर्मचारियों से की जा रही वेतन कटौती एवं वसूली के दिनांक 30.10.2017 के वित्त विभाग की अधिसूचना को तुरन्त निरस्त कर पूर्ववत व्यवस्था बहाल करने का आश्वासन दिया है। साथ ही कर्मचारियों के सेवाकाल में 8,16,24 एवं 32 वर्ष की सेवा उपरान्त चयनित वेतनमान लागू करने की समीक्षा का आश्वासन भी दिया है। सहायक कर्मचारियों के एम.टी.एस. बनाने, संविदा कर्मियों व वर्कचार्ज कार्मिकों के सेवा नियम बनाने, समयबद्ध पदोन्नतियों, केन्द्र के समान वेतन भत्तो व नवीन पेंशन योजना समाप्त करने आदि मुद्दों पर विशेष चर्चा की गयी। 

महासंघ से सम्बद्ध घटक संगठनों के साथ सम्बन्धित विभागों के मंत्रीगणों एवं शासन-प्रशासन से वार्ता कर मांगो के शीघ्र निस्तारण हेतु भी आदेश प्रसारित करने पर सहमति व्यक्त की गयी। महासंघ द्वारा शीघ्र बैठक आयोजित कर आंदोलन के आगामी चरणों की घोषणा की जावेगी। 

वार्ता में के.के. गुप्ता, आनन्द सिंह, महावीर सिहाग, दशरथ सिंह, प्यारेलाल चौधरी, शमीम कुरैशी, महेन्द्र कुमार तिवारी, नारायण सिंह, मानसिंह एवं संघर्ष समितिके सचिव अर्जुन शर्मा ने भाग लिया।