वरिष्ठ पत्रकार गोपाल गुप्ता के "जनतंत्र की आवाज" कार्यालय पर हमला

 विद्याधर नगर बजाज फाइनेंस एजेंट दिनेश शर्मा  ने अपने साथियों के साथ किया हमला

 सन्नी आत्रेय (PPI के प्रदेश अध्यक्ष) ने घटना की कड़े शब्दोँ में निन्दा करते हुए कहा कि - यह नाकाबिले बर्दास्त है.... 

     जयपुर. रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस को धता बताते हुए बजाज फाइनेंस लिमिटेड ने हार्ड रिकवरी को अपना हथियार बनाया। मात्र दो किस्त शेष होने के चलते एजेंट दिनेश शर्मा ने वरिष्ठ पत्रकार गोपाल गुप्ता के बेटे से बिना संबंधित थाने को सूचना दिए मोटरसाइकिल छीनकर बाड़े में जमा करा दी। जिसकी शिकायत करघनी थाने में गोपाल गुप्ता ने दर्ज करा दी और अपने समाचार पत्र में इसकी खबर प्रकाशित की।

(एजेंट दिनेश शर्मा)
     इससे नाराज होकर बजाज फाइनेंस लिमिटेड के एजेंट दिनेश शर्मा की गुंडागर्दी सामने आई। गाड़ी छीनने के बाद भी उसका मन नहीं भरा और समाचार प्रकाशित करने पर बेखौफ कानून अपने हाथ में लेते हुए, वह जनतंत्र की आवाज के कार्यालय पहुंचा और वहां तोड़फोड़ कर दी। इससे कार्यालय में भारी नुकसान हुआ. जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर ऐसे हमले करने से बाज नहीं आएंगे गुंडे तो फिर आमजन के साथ क्या होता होगा? इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
(कार्यालय में हुई तोड़फोड) 
     गोपाल गुप्ता ने इस तोड़फोड़ की घटना को भी लिखित में करधनी थाना अधिकारी बी एल मीणा को दी है। यह जांच दादी के फाटक स्थित चौकी में कार्यरत मुकेश को दी लेकिन अभी तक FIR ही दर्ज नहीं की गई। जनतंत्र की आवाज समाचार पत्र के कार्यालय में तोड़फोड़ का मुआवजा कौन देगा?  इस घटना के बाद से वरिष्ठ पत्रकार गोपाल गुप्ता खौफ में जी रहे हैं. अपने परिवार के साथ इनकी मानसिक अशांति का जिम्मेदार कौन? अब तक क्यों नहीं बीएल मीणा ने दिनेश शर्मा को गिरफ्तार  किया? क्या पुलिस की इनसे मिलीभगत है?

     इस घटना से पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है. PPI के प्रदेश अध्यक्ष सन्नी आत्रेय ने घटना की कड़े शब्दोँ में निन्दा करते हुए कहा कि - यह नाकाबिले बर्दास्त है....अगर 7 दिन के अंदर उचित कार्यवाही नहीं होती है, तो पत्रकार लामबंद होंगे और आला अफसरों तक जाएंगे। हम पत्रकार अपनी जान पर खेलकर जनता को ताजा खबरों से अवगत कराते हैं और उसके बदले हमे यह सब भुगतना पड़ता है. अब यह सब बर्दास्त नहीं होगा.