स्कूलों में फीस एक्ट 2016 लागू करवाये सरकार - संयुक्त अभिभावक संघ की मांग

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू

     निजी स्कूलों की फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को 10 महीनें बीते, स्कूलों के साथ-साथ राज्य सरकार, प्रशासन भी उड़ा रहा है कोर्ट के आदेश की धज्जियां - अभिषेक जैन बिट्टू

     सरकार के दोगले रवैये से प्रदेश के 2 करोड़ अभिभावक परेशान, स्कूलों ने क्लास बन्द की और अब परीक्षाएं भी रोक रहे है - अरविंद अग्रवाल

     जयपुर। निजी स्कूलों की फीस निर्धारित करने को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर एक बार पुनः राज्य में फीस एक्ट 2016 लागू करवाने की मांग की है। संघ का कहना है कि स्कूलों की फीस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 03 मई 2021 को आदेश दिया था किंतु राज्य सरकार और प्रशासन को बार-बार पत्र लिखने, ज्ञापन देने, प्रदर्शन करने सहित जेल जाने के बावजूद आजतक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना तय नही करवाई जा रही है।

                                                                                                                                                                              प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के अभिभावकों के साथ ही नही बल्कि देश के कानून और सुप्रीम कोर्ट तक के आदेश का अपमान कर रही है और निजी स्कूलों के दबाव में आकर अभिभावकों की शिकायत पर कोई कार्यवाही नही कर रही है। पिछले दो वर्षों से प्रदेश का अभिभावक सड़को पर किन्तु सरकार कोई ध्यान नही दे रही है, अभिभावक ना कोई राहत मांग रहा है ना कोई भीख मांग रहा है केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना तय करने की मांग पिछले 10 महीनों से कर रहा है.

      जिसके चलते संयुक्त अभिभावक संघ के पदाधिकारियों को 30 जुलाई 2021 को शिक्षा संकुल पर प्रदर्शन करने के दौरान झूठे मुकदमा लगा गिरफ्तार तक किया, जिसमें संघ के पदाधिकारियों ने विरोध स्वरूप जमानत तक लेने से इनकार किया और जेल भेज दिया गया। इन सबके बावजूद राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के कानों में जू तक नही रेंगी और अभी तक कोर्ट के आदेश की पालना तय नही करवाई, स्कूलों के साथ-साथ राज्य सरकार और प्रशासन भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है।

     प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने राज्य सरकार पर अभिभावकों के साथ दोगले रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा की शिकायतों के बावजूद कार्यवाही नही करने के कारण दो करोड़ अभिभावक परेशान हो रहे है, निजी स्कूलों के द्वारा बच्चों की पढ़ाई रोकी जा रही है और अब निजी स्कूलों के द्वारा अभिभावकों को छात्रों की परीक्षाएं रोकने की धमकियां दी जा रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट फीस, पढ़ाई और परीक्षाओ को लेकर अपना निर्णय दे चुकी है किंतु ना राज्य सरकार अपना काम कर रही है ना प्रशासन अपना काम कर रहा है।

      सेंट एंसलमस स्कूल, निवारू रोड, मोर्डन स्कूल मानसरोवर, सेंट टेरेसा स्कूल मानसरोवर सहित विद्या आश्रम स्कूल जेएलएन मार्ग आदि स्कूलों को लेकर 31 जनवरी को शिक्षा विभाग को मेल के जरिये कम्प्लेंट दर्ज करवाई थी, अधिकारियों से फोन पर बात भी हुई किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई, पिछले 15 दिनों से अधिक समय से छात्रों की क्लास बन्द है, अब परीक्षा रोकने की धमकियां मिल रही है। लेकिन कोर्ट के आदेश की पालना करने की बात पर कोई भी स्कूल जवाब नही दे रहा है।