प्रदेश का अभिभावक और छात्र अव्यवस्थाओ से पीड़ित और राज्य सरकार व्यवस्था बनाने की बजाय नई-नई घोषणाएं कर रेवड़ियां बांट रहे है - अभिषेक जैन बिट्टू

      जयपुर। बुधवार को राजस्थान सरकार ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया. इस बजट में शिक्षा को लेकर राज्य सरकार ने नई-नई घोषणाएं कर रेवड़ियां बांटने का तो काम किया किन्तु अभिभावकों और छात्रों की अव्यवस्थाओं को लेकर की गई मांगों को पूरी तरह से नकार दिया। 

     संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि राज्य सरकार नए-नए एजुकेशन हब बनाने की घोषणाएं तो कर दी किन्तु इस समय सबसे बड़ा मुद्दा निजी स्कूलों की फीस का मसला है जिस पर सरकार दो साल से ध्यान नही दे रही है, निजी स्कूल मनमाना रवैया अपनाए हुए है सरकार इस पर भी ध्यान नही दे रही, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की निजी स्कूलों ने 10 महीनों से अवहेलना हो रही है अभिभावक शिकायत दर्ज करवा रहे है किंतु प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर रहा।

     अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि सरकार को नई-नई घोषणाओं की जगह अभिभावकों और छात्रों को राहत प्रदान करनी चाहिए थी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और फीस एक्ट की पालना करने के ठोस कदम उठाने चाहिए थे। निजी स्कूलों को आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए था। निजी और सरकारी स्कूलों में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षकों, स्टाफ और मैनजमेंट की प्रत्येक तीन महीनों में चरित्र जांच का प्रावधान लागू करवाना चाहिए था। किंतु राज्य सरकार अभिभावकों, छात्रों और स्कूली बच्चियों की सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही है। 



अभिषेक जैन बिट्टू