ऋण मुक्ति एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि बजट में चर्चा नहीं होने से आक्रोशित किसानों ने किया विधानसभा का घेराव - रामपाल जाट

 News from - पिंटू यादव

     जयपुर, किसान महापंचायत के बैनर तले प्रदेशभर से आए सैकड़ों किसानों ने विधानसभा का घेराव किया। न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने, प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर स्थाई खरीद केंद्र बनानें के लिए गौण मंडी विकसित करने, खरीद व्यवस्था को पारदर्शी बनाने, सिंचाई व्यवस्था में हर खेत को पानी देने एवं टोंक जिले के सेवारामपुरा जैसी भूमियों को तीन साल से अधिक कार्य आरम्भ नहीं होने के आधार पर खेती-बाड़ी की ज़मीन को अधिग्रहण से मुक्त करने जैसी मांगो का 18 सूत्री ज्ञापन तैयार कर सुनाया गया. जिसे सभी किसानो ने अपना समर्थन दिया.

     उसके उपरांत मुख्यमंत्री कार्यालय में जाकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. जिसे लेकर मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी जी.एस. यादव ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस ज्ञापन को आज की तारीख में मुख्यमंत्री को सौंप कर उनकेे निर्देशों से अवगत करा दिया जायेगा। ज्ञात रहे कि किसान महापंचायत पिछले कई वर्षों से इन मांगों पर  अनुनय - विनय करतीं आ रही है। इसी कारण  इन 18 सूत्री मांगों पर बिन्दुवार वार्ता का समय चाहा गया हैं।

     इस घेराव कार्यक्रम की सभा को प्रो.गोपाल मोदानी, प्रदेश महामंत्री जगदीश नारायण चौधरी, प्रदेश मंत्री जगदीश जांगिड़, बत्ती लाल बैरवा, रतन खोखर, जिला अध्यक्षो में अजमेर-बालूराम भींचर, बारां-प्रताप शर्मा, बूंदी-तुलसीराम सैनी , जयपुर-रामधन गुर्जर, बूंदी-जिला महामंत्री कजोड़मल धाकड़, दूदू तहसील अध्यक्ष, बलदेव


     महरिया, नानकराम खटीक आदि ने सम्बोधित करते हुए, किसानों को संगठित रहते हुए अपने अधिकारों के लिये संघर्ष की आवश्यकता प्रतिपादित की. इस कार्यक्रम में जयपुर जिला महामंत्री नन्दलाल मीणा का हल आकर्षण का केंद्र बना रहा एवं 80 वर्ष से अधिक आयु के घासीराम फ्गोडिया सफ़ेद साफा पहन कर आये. पहली बार टोंक जिला के सेवारामपूरा गाव के किसान अपनी कृषि भूमी को अधिग्रहण से मुक्त कराने के लिये आये. जिनका दर्द उनके चेहरो पर झलक रहा था. प्रतिनिधि मंडल में किसान महापंचायत राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट, संयोजक सत्यनारायण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दी लाल यादव, प्रदेश महामंत्री सुंदरलाल भावरिया, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी शामिल रहें।