News from - अरविंद चित्रांश, तमसा परिवार
गुलाम मानसिकता का परिचय अप्रैल फूल नहीं, पौधारोपण करके धरती को हरा भरा करिए
आजमगढ़ 1अप्रैल 2022। पूर्वांचल की सामाजिक, सांस्कृतिक धरती आजमगढ़ में लगभग 4 वर्षों से जनपद के समस्त सामाजिक और सांस्कृतिक कर्मियों के सहयोग और प्रेरणा से लगातार पौधारोपण और पौधों का संरक्षण करते हुए तमसा योगी सुनील राय और प्रकृति पर्यावरण संरक्षक, तमसा परिवार से अरविंद चित्रांश ने सामूहिक रूप से कहा कि भारतीय परंपरा में अप्रैल महीना से हमारे पवित्र पावन पर्व की शुरुआत होती है.
गुलाम मानसिकता से ऊपर उठकर अपने सनातन धर्म के गरिमा और महत्व को समझते हुए अप्रैल फूल नहीं, अप्रैल कूल मनाते हुए पौधारोपण और पौधों का संरक्षण के साथ जल बचाओ अभियान चलाते हुए धरती को स्वर्ग बनाने की शपथ हर भारतीयों को लेना चाहिए क्योंकि भारतीयों का पावन महीना अप्रैल, दुनिया को दिशा देता है. हिंदुओं के रीति रिवाज सब इस दिन के कैलेंडर के अनुसार बनाए जाते हैं. अप्रैल महीने की शुरूआत को मूर्खता दिवस कह कर अपनी ही गरिमामई भारतीय संस्कृति का मजाक उड़ाते हैं लोग,जो उचित नहीं है.
गुलाम मानसिकता से ऊपर उठकर अपने सनातन धर्म के गरिमा और महत्व को समझते हुए अप्रैल फूल नहीं, अप्रैल कूल मनाते हुए पौधारोपण और पौधों का संरक्षण के साथ जल बचाओ अभियान चलाते हुए धरती को स्वर्ग बनाने की शपथ हर भारतीयों को लेना चाहिए क्योंकि भारतीयों का पावन महीना अप्रैल, दुनिया को दिशा देता है. हिंदुओं के रीति रिवाज सब इस दिन के कैलेंडर के अनुसार बनाए जाते हैं. अप्रैल महीने की शुरूआत को मूर्खता दिवस कह कर अपनी ही गरिमामई भारतीय संस्कृति का मजाक उड़ाते हैं लोग,जो उचित नहीं है.