संयुक्त अभिभावक संघ की मांग ....स्कूलों में हो तत्काल ग्रीष्मावकाश घोषित

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

 कहा " सरकार और प्रशासन अभिभावकों की मांगों को दरकिनार कर छात्रों और नोनिहालों के स्वास्थ्य से कर रहे है खिलवाड़ " 

     जयपुर। राजधानी सहित पूरे प्रदेश ने भीष्म गर्मी का दौर चल रहा है। भीष्म गर्मी को देखते हुए अब अभिभावकों में छात्रों और नोनिहालों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता सताने लगी है। किन्तु राज्य सरकार और प्रशासन नोनिहालों के स्वास्थ्य को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नजर नही आ रहा है केवल खानापूर्ति करने को लेकर शिक्षा निदेशक ने स्कूलो का समय निर्धारित करने के लिए जिलाधीशों को पॉवर दे दी है जबकि प्रदेश के कॉलेजों में 1 मई से 30 जून तक अवकाश घोषित भी कर दिया है। 

      संयुक्त अभिभावक संघ ने सरकार और प्रशासन के इस रवैये को दोगला निर्णय करार दिया है और कहा है कि जिन छात्रों पर गर्मी का दुष्प्रभाव अत्यधिक नही पढ़ रहा है प्रशासन ने उनकी छुट्टी डिक्लियर कर दी है और जो छोटे-छोटे बच्चे गर्मी के दुष्प्रभावों को झेलने पर मजबूर हो रहे है उन पर अभी तक कोई निर्णय ना लेकर सरकार और प्रशासन नोनिहालों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

     प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि बढ़ती गर्मी के प्रभाव के चलते नोनिहालों को दोपहर 1 बजे एवं 2 से 3 बजे तक स्कूलों से घर पहुंचने पर मजबूर हो रहे है। बच्चों में सर दर्द, बुखार, पेट दर्द आदि बीमारी की शिकायतें भी सामने आना शुरू हो गई है। बीमारी के चलते नोनिहालों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जब सरकार और प्रशासन ने कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी है तो स्कूलों में छुट्टियां घोषित क्यो नही कर रहे है, शिक्षा विभाग ने स्कूलों के समय पर निर्णय लेने की पॉवर कलेक्टर्स को देकर साबित कर दिया है प्रदेश का प्रशासन निजी स्कूलों की कठपुतली बनकर कार्य कर रही है जिसके चलते बच्चों के हित मे लेने का अधिकार कभी सरकार के पाले में डाल रहे है तो कभी शिक्षा विभाग के तो कभी कलेक्टर्स के पाले में डाल रहे है। राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री को नोनिहालों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए तत्काल ग्रीष्मावकाश घोषित करना चाहिए, प्रदेश के 95 प्रतिशत अभिभावक चाहते है कि गर्मी को देखते हुए स्कूलों में तत्काल छुट्टियां घोषित हो। 

     जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि प्रदेश के निजी स्कूल अभिभावकों पर अपना दबाव बनाए रखने और अभिभावकों पर मनमर्जी चलाने के लिए सरकार और प्रशासन पर दबाब बनाए बैठे है जिसके चलते सरकार और प्रशासन अभिभावकों की मांगों को लगातार दरकिनार कर रहे है, अभिभावकों की मजबूरी है की उन्हें बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए स्कूलों की मनमानियों का शिकार होना पड़ रहा है किंतु भीष्म गर्मी के चलते बच्चों के साथ खिलवाड़ करने नही दिया जा सकता है। अब जब निर्णय कलेक्टर्स को लेना है तो उन्हें अभिभावकों की मांगों और समस्याओं की समीक्षा कर तत्काल स्कूलों की छुट्टियां घोषित करनी चाहिए।