News from - अभिषेक जैन बिट्टू
जयपुर। कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से प्रदेशभर के विभिन्न परिवारों की आर्थिक स्थिति विकट हो गई, आर्थिक स्थिति बिगड़ने का सबसे ज़्यादा खामियाजा बच्चों को उठाना पड़ा, क्योकि मजबूरी के चलते और विकल्प ना मिलने के कारण बहुत सारे बच्चों की पढ़ाई छूट गई और कई बच्चों की स्कूलों की मनमानी के चलते पढ़ाई छूट गई। संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रदेशभर में ऐसे बच्चे जिनकी पढ़ाई छूट गई है उन बच्चों को डाटा जुटाएगा और दुबारा उनकी पढ़ाई शुरू हो सके ऐसे विकल्पों पर काम करेगा।
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और महामंत्री संजय गोयल ने कहा कि मध्य प्रदेश से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश देते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को जिम्मेदारी देते हुए घर-घर जाकर उन बच्चों की जानकारी उपलब्ध करवाने और पढ़ाई दुबारा शुरू करवाने के आदेश मध्य प्रदेश सरकार को दिए है साथ ही एक पोर्टल बनाकर ऐसे बच्चों की जानकारी अपलोड करने के आदेश दिए है। अगर इस आदेश की पालना होती है तो मध्य प्रदेश के लाखों बच्चे दुबारा शिक्षा से जुड़ पाएंगे और अपना बेहतर भविष्य बना सकेंगे। ऐसे मामले कोर्ट के माध्यम से तय हो रहे है जबकि ऐसे विषय पर खुद राज्य सरकारों को पहल करनी चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भले ही यह निर्णय मध्य प्रदेश सरकार को दिए है किंतु ऐसा आदेश पूरे देश के लिए लागू किया जाता तो अनगिनत बच्चों को ना केवल शिक्षा से जोड़ा जाता बल्कि उनका बेहतर भविष्य भी बनाया जा सकता था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से संयुक्त अभिभावक संघ को एक दिशा मिली है और संघ ने निर्णय लिया है कि राजस्थान में भले ही राज्य सरकार शिक्षा को लेकर कोई कार्य ना करें किन्तु वह करेंगे।
संघ प्रदेशभर के ऐसे सभी बच्चों का डाटा जुटाएगा जिनकी कोरोना काल से पढ़ाई छुटी है केवल कोरोना काल से ही नही बल्कि उन सभी का डाटा जुटाया जाएगा, जिनकी किसी ना किसी कारण पढ़ाई छुटी है इसके लिए बाकायदा गूगल फॉर्म के साथ-साथ फॉर्म को डवलप कर संघ के सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के जरिये भरवाया जाएगा। इस कार्य के लिए संघ से जुड़े 10 हजार से अधिक अभिभावकों की भी मदद ली जाएगी। डाटा जुटाकर कर उन सभी बच्चों की दुबारा पढ़ाई शुरू करने के लिए सरकार से भी मांग की जाएगी साथ ही संयुक्त अभिभावक संघ भी स्वयं विकल्पों को तलाश कर बच्चों की दुबारा पढ़ाई शुरू करवाएगा।