समाज भूषण राजेंद्र के गोधा की प्रथम पुण्यतिथि, समाज ने किया याद, दी श्रद्धांजलि

 News from - अभिषेक जैन बिट्टू 

     जयपुर। एक वर्ष पहले कोरोना संक्रमण होने के चलते देशभर में जयपुर का नाम रोशन करने वाले समाज भूषण और समाचार जगत के मुख्य संपादक, वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र के गोधा का निधन हो गया था। रविवार को राजेंद्र के गोधा की प्रथम पुण्यतिथि थी. इस अवसर पर जयपुर सहित देशभर के समाज बंधुओ सहित विभिन्न समाजों, पत्रकारों और समाजसेवियों ने उन्हें याद किया और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।

     अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की राजेंद्र के गोधा जयपुर जैन समाज के गौरव थे सदैव उन्होंने समाज के उत्थान की दिशा में ना केवल कार्य किए बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को सहयोग, सुझाव देकर आगे बढ़ने का मार्गदर्शन भी प्रदान किया है। उनका हमारे बीच से चले जाना केवल समाज के लिए क्षति नहीं है बल्कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें भी क्षति हुई है।

      संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की राजेंद्र के गोधा केवल जैन समाज के ही मार्गदर्शक नही थे बल्कि जो भी उनके पास जाता था उन सभी को मार्गदर्शन देते थे। कोरोना काल के प्रथम चरण के बाद उनके मुलाकात हुई थी जब निजी स्कूलों की फीस को लेकर आंदोलन शुरू ही हुआ था। तब उन्होंने संयुक्त अभिभावक संघ को मार्गदर्शन दिया था उस दौरान वह महावीर स्कूल समिति के अध्यक्ष भी हुआ करते थे। उसके बाद दो-तीन बार और चर्चा हुई, हर बार उनका सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है। गत वर्ष जब उनके निधन की सूचना मिली तो गहरा आघात लगा। उनके जाने से जयपुर के प्रत्येक वर्ग को क्षति हुई है।

     जैन राजनैतिक चेतना मंच राष्ट्रीय सचिव सुमित जैन (दिल्ली) ने कहा की राजेंद्र के गोधा की समाज के साथ-साथ राजनीतिक के क्षेत्र में भी बहुत अच्छी पकड़ थी। राजनीति के क्षेत्र में भी उन्होंने विभिन्न समाज बंधुओ का सहयोग प्रदान किया और विभिन्न अवसरों पर राजनीतिक दलों के समक्ष समाज की समस्याओं और प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व किया। 

     उन्होंने जैन राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों में समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले समाजबंधुओं को समाज के एक मंच पर लाने में विशेष योगदान दिया। ऐसे श्रेष्ठी का हमारा बीच से जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। जिसकी भरपाई करना असम्भव है।