News from - अभिषेक जैन बिट्टू
हिंदी स्कूलों को बंद किया तो होगा आंदोलन, मातृ भाषा को बचाने सड़कों पर उतरेंगे अभिभावक - अभिषेक जैन बिट्टू
जयपुर। प्रदेश में लगातार हिंदी स्कूलों को बंद कर अंग्रेजी स्कूलों में डायवर्ट किया जा रहा है राज्य सरकार को जहां प्रदेश में सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ानी थी वह पिछले साढ़े तीन सालों में संख्या बढ़ाने की बजाय घटाए जा रही है, साथ गांवों, शहरों और कस्बों में लीपापोती करने को लेकर जो हिंदी स्कूल चल रहे है उन्हे अंग्रेजी स्कूलों में डायवर्ट कर रही है। बुधवार को संयुक्त अभिभावक संघ ने कहा की " राजस्थान सरकार प्रदेश में निजी स्कूलों को बढ़ावा देने के लिए रास्ते खोज रही है, प्रदेश में अंग्रेजी स्कूलों को महत्व मिले इसलिए राजस्थान सरकार षडयंत्र रच सरकारी स्कूलों की संख्या लगातार घटा रही है। वर्तमान में राज्य सरकार हिंदी स्कूलों को बंद कर ना केवल बच्चों से शिक्षा छिन रही है बल्कि हिंदी जो देश की मातृ भाषा है उसे बंद कर देश की संस्कृति और सभ्यता को भी नष्ट कर रही है।
प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की अंग्रेजी वर्तमान समय की जरूरत है किंतु वह इस शर्त पर लागू नहीं होनी चाहिए की हिंदी का ही महत्व खत्म कर दिया जाए। अगर देश से हिंदी का महत्व खत्म कर दिया गया तो वह देश की संस्कृति और सभ्यता पर सीधा वार होगा। राजस्थान सरकार पिछले दो वर्षो से अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए प्रदेश में अंग्रेजी स्कूलों को खोलने की घोषणा तो कर दी किंतु सरकार ने कभी भी अपनी घोषणाओं में यह नही कहा था की स्कूलों को डायवर्ट किया जाएगा। हर बार सरकार ने स्कूलों को खोलने की घोषणा की थी। अंग्रेजी स्कूल खोलने को लेकर नए नियम बनाए गए, उन नियमों के आधार पर स्कूलों में पहले से पढ़ रहे बच्चों की संख्या ही कम की जा रही है। हिंदी स्कूलों के बंद होने से पूरे राजस्थान में करीबन 10 लाख से अधिक बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। अगर हिंदी स्कूलों को बंद किया तो पूरे राजस्थान के प्रत्येक गांव, कस्बों और शहरों में आंदोलन होगा, अपनी मातृ भाषा " हिंदी " को बचाने के लिए अभिभावकों को सड़कों पर उतरना पड़ा तो प्रत्येक अभिभावक उस आंदोलन में आहुति देगा।
शिक्षा को बढ़ाने के नाम पर दिखवा कर रही है सरकार, स्कूलों में ना शिक्षा, ना सुरक्षा, ना टीचर, ना प्रिंसिपल केसे देंगे बच्चों को शिक्षा - अरविंद अग्रवाल*
संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की प्रदेश में पिछले पांच सालों में 2 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है, करीबन ढाई हजार स्कूल और बंद करने की योजना पर राजस्थान सरकार काम कर रही है, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री शिक्षा को बढ़ाने और दिखावे को लेकर लगातार कार्यक्रम कर अभिभावकों को भ्रमित कर रहे है। आज की स्थिति में सरकारी स्कूलों में बच्चों को ना शिक्षा मिल रही है ना ही सुरक्षा मिल रही है। बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में ना टीचर है ना प्रिंसिपल है। तो बच्चों में शिक्षा केसे पहुंचेगी।
समय की जरूरत है अंग्रेजी इसे मजबूरी बना, मातृ भाषा "हिंदी" से दूर किया जा रहा है - युवराज सिंह
संघ जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज सिंह ने कहा की राजस्थान सरकार अंग्रेजी को प्राथमिकता देकर हिंदी स्कूलों को बंद करने की बड़ी साजिश रच रही है। अंग्रेजी वर्तमान समय की जरूरत है जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए किंतु राजस्थान सरकार अग्रेजी को मजबूरी की तरह पेश कर, मातृ भाषा "हिंदी" से दूर करने की योजना पर कार्य कर रही है जो बर्दास्त नही किया जायेगा। राज्य सरकार को हिंदी स्कूलों को बहाल करना होगा और अंग्रेजी स्कूलों के लिए नए भवन बनाने होगे, जब विधायकों के लिए पुराने आवास के होते हुए भी नए आवास बनाए जा सकते है तो बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए हिंदी और अंग्रेजी स्कूलों के अलग-अलग भवन बनाए जा सकते है।