सच जाने - रामपाल जाट

      जयपुर. 3 जून 1999 को जयपुर में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान अंतर्राज्यीय जल नियंत्रण मंडल की 12 वीं बैठक आयोजित हुई थी । जिसकी पुष्टि तेहरवी बैठक 25.08.2005 को हुई थी । इस उच्च स्तरीय बैठक में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भागीदारी की थी । इस बैठक के निर्णय अनुसार जल भराव क्षेत्र उसी राज्य में स्थित है तो अन्य राज्य से किसी प्रकार की अनापत्ति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है । कोई भी राज्य अपने कैचमेंट क्षेत्र के अतिरिक्त 10% पानी के उपयोग के लिए कोई भी परियोजना बनाने के लिए स्वतंत्र है ।

 इसी आधार पर मध्य प्रदेश द्वारा मोहनपुर एवं कुंडलियां बांधों का निर्माण किया, जिनसे 2,86,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो रही है । इस बैठक के अनुसार ही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना तैयार की गई । इसकी पुष्टि मध्य प्रदेश के सिंचाई मंत्री तुलसी सिलावट के 9 अप्रैल 2022 को प्रमुख समाचार पत्र भास्कर में छपे उनके कथन से होती है । जिसमें इस परियोजना में किसी प्रकार का विवाद नहीं होने का उल्लेख है । फिर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 4 मई 2019 को प्रमुख समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित वक्तव्य “पहले पानी पर आपस में झगड़ते थे राज्य, अब ऐसा नहीं है”.... “अब राज्यों में पानी को लेकर कोई झगड़ा नहीं है” स्पष्ट है । 

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को प्रधानमंत्री की इच्छा अनुसार इस परियोजना में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच विवाद नहीं होते हुए भी विवाद पैदा कराने की मनोवृत्ति छोड़नी चाहिए । वर्ष 2018 में अजमेर एवं जयपुर की सभाओं में माननीय प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के संबंध में घोषणा की थी, जिसमें संवेदनशीलता के आधार पर विचार करने का आश्वासन दिया गया था । तदनुसार इस परियोजना की पूर्णता की दिशा में सकारात्मक रूप से विचार करना न्यायोचित है ।


अभी तो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के विचार में नकारात्मकता प्रकट हो रही है । यह स्थिति तो तब है जब राजस्थान अन्य राज्यों की अपेक्षा जल उपलब्धता में बहुत पीछे है । राजस्थान में संपूर्ण देश का भूभाग तो 10% है किंतु पानी की उपलब्धता 1% है । ऐसी स्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को इस परियोजना को 50% की निर्भरता पर स्वीकृति देकर पूर्णता की ओर ले जाने हेतु सकारात्मक कार्य करना चाहिए । राजस्थान ने लोकसभा चुनाव 2019 में 25 में से 25 सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ दल तथा उनके साथ तालमेल करने वाले दल को दिए थे और यह भी एक अच्छा विषय है कि जल शक्ति मंत्रालय राजस्थान के सांसद के पास मंत्री के रूप में है तो अपेक्षाएं प्रदेशवासियों की अधिक बढ़ जाती है । 

वैसे भी न्याय के आधार पर यदि सामान्य नियम 75% की निर्भरता का है तब भी राजस्थान को इस नियम का अपवाद मानते हुए 50% पर निर्भरता पर इस परियोजना को पूर्णता की और ले जाने के लिए सहयोग करना चाहिए । राजस्थान में अब तक 3000 से अधिक बांध बने हुए हैं उनमें से सारे बांध नहीं भरते वरन अनेक बांध तो ऐसे हैं जिनमें पानी की आवक कम है । यथा बीसलपुर बांध 20 वर्षों में चार बार भरा है ऐसे बांधो की निर्भरता 50% से भी कम है । राजस्थान के संदर्भ में पानी के उपयोग के लिए बनाई गई है परियोजना राजस्थान की परिस्थितियों में 50 प्रतिशत निर्भरता पर सटीक है । 

 प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में यह भी कहा था कि पानी की कीमत राजस्थान से ज्यादा कौन जानता है ? राजस्थान में पानी के उपयोग के लिए यह परियोजना उस समय तैयार की गयी थी जब राजस्थान में भी केंद्र में सत्तारूढ़ दल का शासन था । इसीलिए हाइड्रोलोजीकल की सैद्धांतिक स्वीकृति 08.12.2016,  हाइड्रोलोजीकल प्रतिवेदन की स्वीकृति 02.05.2017, फिजिबिलिटी प्रतिवेदन की सैद्धांतिक स्वीकृति 06.10.2017 एवं परियोजना के विस्तृत प्रतिवेदन (DPR) तैयार करने की स्वीकृति 09.11.2017 एवं उसके आधार पर विस्तृत प्रतिवेदन (DPR) 12.01.2018 को केन्द्रीय जल आयोग में प्रस्तुत कर दी थी । इसप्रकार यह परियोजना केन्द्रीय जल आयोग के मार्गदर्शन में तैयार की गयी थी । इस परियोजना में तकनीकी रूप से कोई कमी नहीं है वरन यह परियोजना सारवान है, जिससे राजस्थान का हित जुड़ा हुआ है । यह सच तथ्य जानने योग्य है ।  

इस परियोजना के लिए लोकमत तैयार करने हेतु 13 जिलों में संकल्प अभियान घोषित किया हुआ है, जिसके प्रथम चरण में 3 जुलाई 2022 से आरम्भ संकल्प अभियान 5 जिलों की 21 तहसीलों में 25 बैठकें आयोजित हुई । 832 किलोमीटर के इस मार्ग में 800 से अधिक जागरूक किसानों को साहित्य वितरण करते हुए 9 जुलाई को सांगानेर क्षेत्र में रहने वाले सभी पत्रकारों से संपर्क करते हुए इसका समापन हुआ । इसी  दिशा में लाभान्वित होने वाले 13 जिलों में इस परियोजना के लिए कार्यरत सभी सामान विचार वालों का सम्मलेन भी जयपुर में प्रस्तावित है ।

प्रेस वार्ता में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दी लाल यादव, प्रदेश महामंत्री जगदीश नारायण खुडियाला, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, युवा महामंत्री पिंटू यादव रहें।