संघर्ष से जीवन मजबूत और स्थिर बनता है - गणिनी आर्यिका गौरवमती

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

     जयपुर। शहर के श्याम नगर स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, वशिष्ठ मार्ग पर चातुर्मास कर रही गणिनी आर्यिका सुपार्श्वमती माताजी की शिष्या गणिनी आर्यिका गौरवमती माताजी ने शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा कि " आज कल इंसान शार्ट कट का बहुत सहारा लेते है, किन्तु इंसान को यह भी समझना चाहिए कि शार्ट कट उस ताकत की तरह है जो केवल बाजुओं का सहारा लेकर अहंकार दर्शाती है, संघर्ष का सहारा केवल बुद्धिमान व्यक्ति ही लेते है जो बाद में सोने की कीमत की तरह मजबूत बनते है। इंसान को जीवन मे मजबूत और स्थिर होना है तो उन्हें संघर्ष का सहारा लेना चाहिए। 

(गणिनी आर्यिका गौरवमती)
     आर्यिका गौरवमती माताजी ने कहा कि " कैसी भी विपदा हो इंसान को संयमित रहना चाहिए, केवल ताकत से ही हर जंग को नही जीता जा सकता, किसी भी जंग को जीतने के लिए बुद्धि का सहारा लेना ही होगा। जो इंसान विपरीत परिस्थितियों में बुद्धि का सहारा लेते है वह सर्वशक्तिमान बनते है।

     ईश्वर ने इस सृष्टि में केवल संघर्ष को सबसे मजबूत बनाया है जिस किसी भी प्राणी ने संघर्ष के वस्त्रों को धारण कर लिया वह प्राणी अपने जीवन को स्थिरता और मजबूती प्रदान करते है। संघर्ष के वस्त्रों को धारण करने का सौभाग्य प्रत्येक प्राणी को मिलता है किंतु जो इन्हें अपनाता है वह इतिहास बनाकर सर्वशक्तिमान बनते है।