पाकिस्तानी पत्रकार के खुलासे से गरमाई सियासत

 हामिद अंसारी और कांग्रेस पर बीजेपी ने  उठाए सवाल 

     पाकिस्तानी जर्नलिस्ट के एक बयान से इन दिनों पुरे देश में हंगामा मचा हुआ है. पाकिस्तान के एक यूट्यूब चैनल पर स्थानीय पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया कि वो तत्कालीन उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी और मिल्ली गजट के संपादक जफरुल इस्लाम खान के न्योतों पर कई बार भारत आए थे और यहां उन्हें कई खुफिया जानकारियां हाथ लगीं. मिर्जा ने दावा किया कि, ‘वो पाकिस्तान लौटकर ये गोपनीय जानकारियां वहां की खुफिया एजेंसी ISI से साझा किया करते थे.’ यही नहीं, इसके साथ ही, भारत के पूर्व RAW ऑफिसर एनके सूद का दावा है कि हामिद अंसारी ने तेहरान में भारत के राजदूत रहते हुए RAW की गतिविधियों को उजागर कर दिया था जिससे उनकी यूनिट खतरे में आ गई थी. इन खबरों के सामने आने के बाद अब बीजेपी ने इन दोनों मुद्दों पर ना सिर्फ हामिद अंसारी पर सवाल उठाए बल्कि कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा. वहीं दूसरी तरफ पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने इस पुरे मामले में सफाई देते हुए बुधवार को बयान जारी कर अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया है

     पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के बयान के बाद से देश की सियासत गरमा गई है. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. भाटिया ने कहा कि, ‘भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को 2005 से 2011 के बीच में पांच बार न्यौता देकर भारत बुलाया.’ भाटिया ने कहा कि, ‘नुसरत मिर्जा अपने साक्षात्कार में कहता है कि जब मैं भारत के दौरे पर था तब तत्कालीन उपराष्ट्रपति मुझे भारत बुलाते थे और हमारी बातचीत में जो जानकारी साझा की जाती थी वो अति संवेदनशील और गोपनीय होती थी. ये जानकारियां एक नहीं दो नहीं बल्कि 5 बार मुझसे साझा की गई थी और भारत को कमजोर करने के लिए ISI जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है, इस जानकारी को उसके साथ साझा किया गया था.’

     पत्रकार वार्ता के दौरान गौरव भाटिया ने आगे कहा कि, ‘देश की जनता आज पूछना चाहती है कि आतंकवाद का खात्मा करने की कांग्रेस की क्या यही नीति थी कि खुफिया जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा कर रहे थेहामिद अंसारी को देश की जनता ने आदर दिया, बदले में उन्होंने क्या दिया? क्या यह कांग्रेस पार्टी को जवाब नहीं देना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ? यहीं नहीं जिससे जानकारी साझा की जा रही थी उसी पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को हामिद अंसारी ने 2010 में आतंकवाद पर हो रहे सेमिनार में भारत आकर बोलने को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे लड़ें. वह व्यक्ति जो आईएसआई से जानकारी साझा करता है, उसे निमंत्रण देकर बुलाते हैं, यह कांग्रेस की जहरीली सोच है. एक तरफ मोदी जी का संकल्प है कि आतंकवाद का खात्मा करेंगे, दूसरी तरफ कांग्रेस की ऐसी सोच है.’

     इसके साथ ही बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पाकिस्तानी पत्रकार के एक और दावे के हवाले से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पत्रकार ने खुद कहा कि वैसे तो भारत में तीन शहरों में जाने का वीजा मिलता है, पर मुझे सात शहरों का मिला.’ बीजेपी प्रवक्ता भाटिया ने कहा, ‘राहुल गांधी फिलहाल देश में नहीं है पर उम्मीद है कि संज्ञान लेंगे और उत्तर देंगे.’ वहीं हामिद अंसारी के राजदूत रहते हुए जानकारी साझा करने की बात कहते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि, ‘ईरान के एंबेसेडर रहकर भी हामिद अंसारी भारत की सुरक्षा में ही सेंध लगा रहे थे. वहां पर सरकार के कई कार्यक्रम होते हैं जिनसे देश की अखंडता को मजबूती मिलती है और सीक्रेट ऑपरेशन भी होते हैं. लेकिन सभी चीजों को दरकिनार कर सीक्रेट काम करने वालों की पहचान उजागर कर उनकी जान खतरे में डाली. कांग्रेस अपनी ओछी गंदी राजनीति करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. यहां तक कि देश की सुरक्षा से भी खिलवाड़ कर सकती है. इस पुरे मामले में अगर सोनिया-राहुल चुप रहते हैं तो ये साफ होगा कि उन्होंने और हामिद अंसारी ने यह पाप किया है.’

     वहीं बीजेपी के आरोपों पर अब खुद पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का भी बयान सामने आया है. हामिद अंसारी ने बीजेपी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि, ‘कल और आज मीडिया के कुछ हिस्सों में और भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता आरोप लगा रहे हैं कि भारत का उपराष्ट्रपति रहते हुए मैंने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को बुलाया. मैंने उससे दिल्ली में आतंकवाद पर हुई एक कॉन्फ्रेंस में मिर्जा से मुलाकात की. ईरान में भारत का एम्बेसेडर रहते हुए भारत की सुरक्षा में सेंध लगाई. यह सभी आरोप सरकारी एजेंसी पूर्व अधिकारी ने लगाए हैं.’ अंसारी ने आगे कहा कि, ‘यह सभी जानते हैं कि उपराष्ट्रपति जिन विदेशी मेहमानों को बुलाता है, उनको निमंत्रण भारत सरकार की सलाह पर विदेश मंत्रालय ही भेजता है. यह कहा जा रहा है कि मैंने 11 दिसंबर 2010 को आतंकवाद पर सम्मेलन का उद्घाटन किया था. जैसा कि सामान्य प्रथा है, आयोजकों ने ही मेहमानों की लिस्ट बनाई होगी. मैंने उसे कभी नहीं बुलाया और न ही उससे मुलाकात की.’