मुंशी प्रेमचंद जयंती पर कायस्थ समाज के साहित्यकारों का हुआ सम्मान

 News from - Arun k. Saxena

     जयपुर. मुंशी प्रेमचंद जी की 142 वीं जयंती पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा राजस्थान ने जयपुर के एक होटल में भव्य समारोह का आयोजन किया। समारोह में समाज के साहित्यकार एवं लेखकों ने सपरिवार भाग लिया।समारोह के मुख्य अतिथि  धीरज श्रीवास्तव चेयरमैन राजस्थान फाउंडेशन राजस्थान सरकार एवं विशिष्ट अतिथि अजीत सक्सेना मैनेजिंग डायरेक्टर प्रबंध निदेशक जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं समारोह की अध्यक्षता अखिल भारतीय कायस्थ महासभा राजस्थान के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी कुलदीप माथुर ने की। 

     कार्यक्रम के संयोजक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जयपुर के अध्यक्ष  अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि उक्त कार्यक्रम 3 विधाओं में आयोजित किया गया जिसमें 49 साहित्यकारों की 138 रचनाएं प्राप्त हुई। जिसमें से प्रत्येक वर्ग में प्रथम पुरस्कार ₹11000 नगद, द्वितीय पुरस्कार ₹7000 नगद, व तृतीय पुरस्कार ₹5000 नगद व प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो भी दिए गए। शेष सभी साहित्यकारों को सांत्वना पुरस्कार के रुप में प्रमाण पत्र व ट्रॉफी दी गई।

उक्त सभी पुरस्कार समाज के भामाशाह के द्वारा दिए गए 


     कार्यक्रम के प्रमुख भामाशाह अजित सक्सेना, शिहान राधे गोविंद माथुर, नरेंद्र चंद जोहरी, सत्य प्रकाश माथुर व कमलेश कुमार  माथुर, कुलदीप माथुर, अरुण सक्सेना, श्रीमती दीपा माथुर, अवध बिहारी माथुर, देवेंद्र सक्सेना मधुकर, अनिल माथुर, छैल बिहारी लाल माथुर, शशांक माथुर, विवेक माथुर व रतन लाल सक्सेना आदि का भी सम्मान किया गया।

     कार्यक्रम में चयन मंडल के वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर हेतु भारद्वाज, श्री कृष्ण शर्मा एवं वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार विनोद भारद्वाज समारोह में मौजूद रहे। कार्यक्रम की सह संयोजक श्रीमती दीपा माथुर ने उनका परिचय दिया। 

      मुख्य अतिथि धीरज श्रीवास्तव आयुक्त राजस्थान फाउंडेशन ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के नौजवानों के लिए रोजगार पर सेमिनार आयोजित करने चाहिए। कार्यक्रम में पुरस्कृत सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि समाज में साहित्यिक चेतना से समाज आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि समाज जब भी मुझे किसी भी कार्यक्रम में बुलाएगा और जिस भी तरह का मुझसे सहयोग चाहेगा, मैं हमेशा आप सभी के साथ रहूंगा। 


   कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अजीत सक्सेना ने कार्यक्रम के आयोजकों की प्रशंसा करते हुए इस तरह के कार्यक्रम करते रहने पर जोर दिया। उन्होंने कहां की मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखी गई रचनाएं आज के समय में भी बेहद प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलदीप माथुर ने कहां की साहित्यकारों द्वारा लिखी गई सर्वश्रेष्ठ 51 रचनाओं को एक पुस्तक का रूप दिया जाएगा और इसका विमोचन बड़े स्तर पर करने का आश्वासन दिया।

     समारोह के अंत में कार्यक्रम के संयोजक एवं जिला महामंत्री  रवि माथुर ने समाज के भामाशाह को कार्यक्रम की सफलता में सहयोग के लिए आभार प्रकट किया तथा उपस्थित सभी साहित्यकारों को धन्यवाद प्रकट किया।