बिजलीकर्मी आज काली पट्टी बांध जताएंगे विरोध

News from - Mukut Bihari

     राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आव्हान पर आज सभी जिले के उपखंड कार्यालय पर लगभग 35000 से ज्यादा बिजली कर्मचारी अपने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर एवं ट्वीटर पर भी अभियान चलाकर विरोध प्रदर्शन करेगे। 

जयपुर. 8अगस्त . राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि राजस्थान सरकार और विद्युत विभाग द्वारा बिजली कर्मचारियों की जायज मांगो का उचित समाधान करने के बजाए कर्मचारियों की आवाज को दबाने के लिए रेस्मा लगाकर दमनचक्र चलाया जा रहा हैं। इसके विरोध में सभी जिले में सभी बिजली कर्मचारी आज सोमवार को अपने-अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे और निगम व जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे। 

     साथ ही चेतावनी दी जाएगी कि सरकार और विधुत विभाग द्वारा कर्मचारियों की मांगों का उचित समाधान नही किया जाता हैं तो कर्मचारी उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे। गुर्जर ने सभी कर्मचारी साथियों से आव्हान किया हैं कि वह सभी अपने अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर कार्य करे एवं निगम व जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराए। साथ ही ट्विटर पर मुख्यमंत्री और उर्जा मंत्री को मांगो को लेकर टेग करे।  

यह हैं प्रमुख मांगे:

     पृथ्वीराज ने बताया कि ज्ञापन में राज्य सरकार के अन्य विभागों की तरह ही बिजली विभाग में 01.01.2004 एवं इसके बाद नियुक्त बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने, इंटर डिस्कॉम ट्राँसफर नीती बनाए, अति आवश्यक सेवाओं में विभाग को शामिल करने पर बिजली विभाग के कर्मचारियों को हार्ड ड्यूटी अलॉउंस 5 हजार रूपए प्रतिमाह देने, पदनाम बदलने, जयपुर की तर्ज पर तकनीकी कर्मचारियों का अपग्रेडशन जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम में लागू करने, आरजीएचएस योजना को अन्य विभागों की भांति लागू करने, बिजली कर्मचारियों के लिए बिजली फ्री देने, नए केडर में आॅप्शन ले चुके डिप्लोमाधारी तकनीकी कर्मचारियों को पुराने केडर में 01.04.2018 व 01.04.2019 की स्थिति में प्रमोशन देने, विधुत निगमों में भी सुपरवाईजर पद पर पदोन्नत कर्मचारियों को सहायक अभियंता के कुल स्वीकृत पदों के 10 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति देने, विद्युत संशोधन बिल 2022 का विरोध करने, वर्ष 2015 की टूल डाऊन हड़ताल के कारण दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग शामिल हैं।