News from - Arvind Chitransh
नई दिल्ली. नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के सभागार में आजमगढ़ पत्रकारिता जगत में तहलका मचाने वाले वरिष्ठ पत्रकार, लोकतन्त्र सेनानी, जनकवि धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव का प्रथम काव्यसंग्रह "अच्छा भी हो सकता है" का लोकार्पण किसान महानायक राकेश टिकैत ने किया।
समाज वैज्ञानिक रमेश दीक्षित, समाजवादी चिन्तक राजकुमार जैन, समाजवादी योद्धा राजनाथ शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश, लोकतन्त्र सेनानी चन्द्रशेखर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार अनिल चौधरी, लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामआशीष राय, प्रख्यात शायर डाक्टर शकील मोईन, वरिष्ठ कवि डाक्टर संजय पंकज आदि भारत के बहुत से प्रमुख साहित्यकार, विद्वान और पत्रकारों की उपस्थिति में लोकार्पण समारोह और काव्यगोष्ठी के मुख्यअतिथि किसान महानायक राकेश टिकैत ने कहा कि कवि और किसान यदि साथ मिलकर काम करें तो बड़ी क्रांति संभव है.
मुख्य वक्ता प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने हिंदुस्तान में हुए तमाम जन आंदोलन का जिक्र करते हुए धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव की कविताओं को अपने समय का महत्वपूर्ण और जरूरी बताया. अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक अरविंद चित्रांश ने कहा कि आज पुस्तक के विमोचन पर दिल बहुत गदगद है, बड़े भाई की इस महान उपलब्धियों पर खुशियों का ठिकाना नहीं है.
दिल्ली जैसे शहर में इतने अपरंपार जनसमूह के बीच भारत के पहुंचे हुए विद्वानों साहित्यकारों में बस एक ही चर्चा थी कि पूर्वांचल का लाल वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार और जनकवि का काव्य संग्रह "अच्छा भी हो सकता है" आज के युग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है. इस आयोजन में दिल्ली, मेरठ, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, मुजफ्फरपुर, पटना, गोंडा, फैजाबाद, जयपुर, अमृतसर आदि जगहों के प्रमुख लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजवादी चिंतक प्रोफेसर राजकुमार जैन, मंच संचालन सूर्यभान राय और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर गोपाल राय ने किया।