पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन करेगा विद्युत भवन का घेराव

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पुरानी पेंशन बहाली सहित 10 सूत्री मांगों को लेकर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन 19 को करेगा विद्युत भवन का घेराव

     जयपुर। बिजली कंपनियों में लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना का इंतज़ार कर रहे बिजली कर्मचारी, पेंशन सहित 10 सूत्री मांगों को लेकर राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले 19 अक्टूबर को जयपुर में विद्युत भवन पर प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर से हजारों की संख्या में कर्मचारी विद्युत भवन पहुंचेगे। 

      (पृथ्वीराज गुर्जर - प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन)

     यह जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अन्य विभागों में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी लेकिन बिजली कंपनियों पर इसको लागू नही किया। जिससे प्रदेश के विभिन्न कैडर के करीब 40 हजार से अधिक अधिकारी और कर्मचारी पुरानी पेंशन से वंचित रह रहे है। सरकार के इस दोहरे रैवये को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। 

     इसके अलावा घाटे का हवाला देकर 19 जुलाई सन 2000 को 20 वर्षों के लिए विद्युत मंडल को तोड़कर 5 विद्युत निगमों  में विभक्त किया था. तब से लगातार विद्युत निगमों का घाटा बढ़ता जा रहा है., अब जब 20 वर्षों का समय 19 जुलाई 2020 को पूरा हो चुका है तो पुनः पांचो बिजली कंपनियों को तोड़कर ऊर्जा विभाग का गठन किया जाए.

     जिससे पांचों बिजली कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के भी  स्थानांतरण हो सके साथ ही राज्य सरकार द्वारा बिजली कंपनियों का निजीकरण कर प्रदेश की आम जनता एवं कर्मचारियों के हितो पर कुठाराघात कर रही हैं. इससे प्रदेश के हजारों कर्मचारियों में गुस्सा है। अतः पाली एवं जोधपुर में किए जा रहे निजी करण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए. ऐसी ही 10 सूत्री ज्वलन्त मांगो को लेकर संगठन द्वारा विद्युत भवन का घेराव किया जाएगा।

यह हैं 10 सूत्री मांगेः-

     यह जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि संगठन की मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन बहाली।

     ऊर्जा विभाग का गठन कर एक निगम से दूसरे निगम में समय बद्ध स्थानांतरण निति बनाने। 

     निजीकरण रोकने। 

     जयपुर वितरण निगम की तरह ही जोधपुर, अजमेर व प्रसारण निगम में नियुक्ति तिथि से 2800 ग्रे पे के आदेश प्रसारित करने।

     तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन करने।  

     सभी तकनीकी कर्मचारियों को हार्ड-ड्यूटी अलाउंन्स के रूप में बैसिक का 10 प्रतिशत देने। 

     तकनीकी कर्मचारियों को विधुत भत्ता बेसिक का 10 प्रतिशत या विधुत फ्री देने। 

     2015 में संगठन के 3 कर्मचारियों पर की गई कार्यवाही को निरस्त करने।  

     राज्य सरकार की तरह बिजली कंपनियों में भी RGHS योजना लागू करने। 

     इंजीनियरिंग सुपरवाइजर के पदों को पदोन्नति प्रदान करने सहित 10 सूत्री मांगे शामिल हैं।