शिक्षा में फैली बदहाली का रावण कब जलेगा?

News from - अभिषेक जैन बिट्टू

शिक्षा में फैली बदहाली का रावण कब जलेगा, निजी स्कूलों में कोर्ट और कानून की पालना कब होगी - संयुक्त अभिभावक संघ

संघ ने कहा " डेढ़ साल हो गया सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आए किंतु राज्य सरकार और प्रशासन आज तक पालना नहीं करवा पाए "

जयपुर। शिक्षा में संपूर्ण सुधार और फीस मसले को लेकर संघर्ष कर रहे अभिभावकों के प्रमुख संगठन 'संयुक्त अभिभावक संघ' ने विजय दशमी पर्व के अवसर पर शिक्षा सहित प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा की " राज्य सरकार और तमाम नेता हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत पर दिखावटी प्रदर्शन कर रावण का पुतला फूंकते है। किंतु प्रदेश की " शिक्षा व्यवस्था में फैली बदहाली उपजे विशाल रावण के पुतलें को कब जलाया जायेगा। प्रदेश के निजी स्कूलों में कोर्ट और कानून की पालना कब होगी। 

संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की 3 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने फीस विवाद पर आदेश दिया था। जिसका संयुक्त अभिभावक संघ सहित प्रदेश के अभिभावकों ने सम्मान किया था, उस आदेश को आज करीबन डेढ़ वर्ष का समय बित्त चुका है, किंतु आज दिनांक तक ना राज्य सरकार और ना ही प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना किसी भी निजी स्कूल में नही करवा पाए है। 

*वर्ष 2020 के फीस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश, कहा था स्कूलों को फीस एक्ट 2016 से निर्धारित फीस का 85 प्रतिशत फीस ले सकते है*

प्रदेश विधि मामलात मंत्री एडवोकेट अमित छंगानी ने जानकारी देते हुए बताया की " वर्ष 2020 में बड़े स्तर पर निजी स्कूलों की फीस का विवाद उपजा था, पहले 18 दिसंबर 2020 को राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश आया था, जिसके खिलाफ निजी स्कूलों की एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट चली गई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई 2021 को आदेश दिया। जिसमे आदेश दिया गया की " निजी स्कूलों को फीस एक्ट 2016 की पालना निर्धारित करनी होगी, फीस एक्ट से निर्धारित फीस का 85 प्रतिशत फीस अभिभावकों से वसूला जाएगा। " किंतु आज तक राज्य के 99.99 प्रतिशत स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की और ना ही राज्य सरकार और प्रशासन ने कोर्ट के आदेश की पालना करवाई। " 

जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना की मांग को लेकर 30 जुलाई 2021 को जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित ' शिक्षा संकुल ' शिक्षा विभाग कार्यालय पर संयुक्त अभिभावक संघ के नेतृत्व में विशाल प्रदर्शन किया गया था। जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने साजिश रचकर अभिभावकों के समूह को तोड़ने की साजिश रचते हुए संघ के 4 पदाधिकारियों सहित 7 अभिभावकों पर "राजकार्य बाधा" का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया और 4 दिनों तक गिरफ्तार करवाया। साथ ही प्रदर्शन कर रहे 500 से अधिक अभिभावकों पर लाठचार्ज करवाया। 

*अभिभावकों की एकमात्र मांग निजी स्कूलों में हो कोर्ट और कानून के आदेश का सम्मान*

प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा की संयुक्त अभिभावक संघ ना राज्य सरकार के खिलाफ है ना प्रशासन के खिलाफ है और ना ही किसी निजी स्कूल के खिलाफ है। संयुक्त अभिभावक संघ सहित प्रदेश के 2 करोड़ अभिभावकों की एक मात्र मांग " राज्य के निजी स्कूलों में कोर्ट और कानून के आदेश का सम्मान " की है।

 शिक्षा की फीस, टीसी, लेट फीस सहित अन्य सभी व्यवस्थाओं को लेकर राज्य सरकार ने कानून बनाए है किसी अभिभावक ने कोई कानून नहीं बनाया है इसके बावजूद राज्य सरकार और प्रशासन अपने बनाए कानून की पालना निर्धारित नही करवा रहा है, जिसके चलते 2 करोड़ अभिभावक प्रभावित हो रहे है तो दूसरी तरफ 4 करोड़ से अधिक बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।