News from - Arvind Chitransh
आजमगढ़ . कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि को याद करते हुए आजमगढ़ निवासी पूर्वांचल के जाने-माने लोककला एवं संस्कृति के संरक्षक, वरिष्ठ रंगकर्मी अरविंद चित्रांश ने कहा कि हिंदी और उर्दू के महानतम लेखकों में शुमार मुंशी प्रेमचंद को शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उपन्यास सम्राट कह कर संबोधित किया था.
प्रेमचंद ने हिंदी कहानियां और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया, जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया। वहीं लोकनायक जयप्रकाश नारायण के पुण्यतिथि पर उनके विचारों के अनुसार सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है. जिसमें सांस्कृतिक विचारधारा भी शामिल है. भारत एक लोकतान्त्रिक देश है, यहाँ की सुन्दरता कला, संस्कृतियों और यहाँ की भिन्नता में है.
उपजिलाधिकारी सगड़ी राजीव रत्न सिंह ने अरविंद श्रीवास्तव 'चित्रांश' की पारंपरिक संस्कार गीतों पर आधारित "बिटिया की विदाई" और "भोजपुरी फिल्मों एवं लोक संगीत से भोजपुरी वासियों का सरोकार" नामक पुस्तक का अवलोकन करते हुए कहा कि हमें अपनी भारतीय लोक संस्कृतियों को बचाना ही होगा। क्योंकि हमारी लोक संस्कृतियां एक समृद्ध परंपरा का उदाहरण है. तहसीलदार शक्ति प्रताप सिंह ने भोजपुरी लोक संस्कृतियों की गंभीरता को समझते हुए इसके बचाव हेतु गंभीर विचार रखे. साथ में उप जिलाधिकारी न्यायिक प्रेमचंद मौर्य उपस्थित रहे।