केंद्र सरकार और भाजपा की हताशा है - आम आदमी पार्टी को निशाने पर रखना

  'आप' की गुजरात मे एंट्री और राष्ट्रीय पार्टी बनाना ' भाजपा' का डर - अभिषेक जैन बिट्टू

     जयपुर। बुधवार और गुरुवार तीन राज्यों के चुनाव परिणाम देश के सामने आए. इन तीनों राज्यों में भाजपा का शासन था किन्तु हिमाचल प्रदेश और दिल्ली एमसीडी चुनाव भाजपा के खिलाफ रहे। तीनों चुनावों में भाजपा को कांग्रेस इतनी नही खटक रही, जितनी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल खटक रहे है।

     जिसका प्रमुख कारण दिल्ली एमसीडी में पंद्रह वर्षो चल रहे भाजपा शासन का अंत होने के साथ-साथ गुजरात मे भी आम आदमी पार्टी की एंट्री होना है. केवल यही नही गुजरात चुनावों में आम आदमी पार्टी ने लगभग 13 फीसदी के करीब वोट प्राप्त कर अब राष्ट्रीय पार्टी का भी दर्जा हासिल कर लिया है। जिससे भाजपा और केंद्र सरकार में ना केवल हताशा है बल्कि भाजपा की हर जुबान के निशाने पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी है। 

     आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बेसक गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अप्रत्याशी जीत दर्ज की हो किन्तु उसके बावजूद भाजपा और केंद्र सरकार को केवल अब आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर उबरने का दर्द सत्ता रहा है। 

     इसमें कोई दो राय नही है कि गुजरात के रिजल्ट को लेकर भाजपा बधाई की पात्र है किंतु दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के रिजल्ट पर भी भाजपा और केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए केवल इन दो राज्यों पर नही बल्कि विभिन्न राज्यो में हुए उपचुनावों में मिली हार पर भी जवाब देना चाहिए।

     लेकिन भारतीय जनता पार्टी सत्ता का सहारा लेकर केवल गुजरात पर चर्चा कर रही है और पूरे देश मे भी यही माहौल बनाने का प्रोपोगंडा रच रही है कि जैसे केवल गुजरात मे ही चुनाव हुए है। जिसमे केवल भाजपा को जीत मिली है। आम आदमी पार्टी ने भी गुजरात मे उमदा प्रदर्शन किया है हालांकि जो दावे और उम्मीद की गई थी उतने परिणाम नही मिले,. उसके बावजूद गुजरात मे पांच जीतें जीतकर और तेरह फीसदी जनता का प्यार पाकर गुजरात मे दमदार एंट्री कर ली है।
      दिल्ली से जहां पार्टी का देश मे विकल्प बनना प्रारम्भ हुआ आज वह दिल्ली, पंजाब और गोवा से होते हुए गुजरात पहुंच गया। गुजरात और गुजरात की जनता सदैव आभारी रहेगी क्योकि गुजरात के मतों से ही आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त हुआ। जो अपने आप मे बहुत बड़ी जीत है। देश के इतिहास में अब तक कोई ऐसी पार्टी नही है जो मात्र दस सालों राष्ट्रीय पार्टी बनी हो। 
     जनता में 'आप' के प्रति बढ़ता विश्वास ही भाजपा और केंद्र सरकार को खटक रहा है। इसलिए लगातार भाजपा और केंद्र सरकार झूठे आरोप लगाकर पार्टी को बदनाम करने की साजिश रच रहे है। भविष्य में भी 'आप' को लेकर भाजपा का दुष्प्रचार देखने को मिलेगा किन्तु पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता और समर्थक अपने हौसलों से ना डिगेंगा और ना ही पार्टी को डिगने देगा।

कांग्रेस को चुनाव लड़ने और यात्राओं को छोड़कर पार्टी को एकजुट करने की लड़ाई लड़नी चाहिए

     अभिषेक जैन बिट्टू ने कांग्रेस को लेकर भी कहा कि गुजरात चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस खुद को कमियों को गिनाने और देखने की बजाय आम आदमी पार्टी पर वोट काटने का आरोप लगा रही है। जबकि हकीकत यह है कि गुजरात मे 'आप' ने पांच सीटों जीत दर्ज की और 35 से अधिक सीटों पर आप के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। जब कोई नई पार्टी चुनाव लड़ती है तो वह जनता के वोट प्राप्त करती है. जो पहले किसी ना किसी पार्टी को वोट देता है।

     दिल्ली एमसीडी चुनाव में जिन 116 सीटों पर आप की हार हुआ है. उनमें अधिकतर सीटों पर कांग्रेस ने वोट कटवा पार्टी की भूमिका निभाई है. उसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज कर एमसीडी चुनाव जीता. दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस की 188 सीटों पर जमानत जब्त हुई। कांग्रेस को चुनाव लड़ने से पहले और भारत जोड़ो यात्रा निकालने से पहले "कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए" देश मे एकमात्र कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसके चुने हुए सांसद, विधायक, पार्षद बिकते है और दल बदलते है। .

     जिस पर कांग्रेस को चिंतन करना चाहिए। अकेले राजस्थान को ही देख लेंवे तो कांग्रेस यहां भी गुटों में बंटी हुई है। स्वयं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाते है। राजस्थान के प्रभारी अजय माकन संगठन में कार्यवाही ना होने के चलते प्रभारी पद से इस्तीफा दे देते है। केवल हार का गम भुलाने और बिखरते संगठन की हताशा से बचने के लिए दूसरे संगठनों पर आरोप लगाना कांग्रेस की कमजोरी है।