आयुष नर्सेज अपनी माँगों को लेकर निकालेंगे अधिकार यात्रा

News from - Ratan Kumar

दिनांक 19 दिसम्बर 2022 को आयुर्वेद निदेशालय, अजमेर से प्रारम्भ होकर 26 दिसम्बर 2022 को शहीद स्मारक, जयपुर पहुँचेगी अधिकार यात्रा

     जयपुर. राज्य सरकार से बार बार आग्रह, धरना प्रदर्शन और रैलियों के बावजूद पिछले दस वर्षाें से लंबित आयुष नर्सेज की विभिन्न माँगों को लेकर प्रदेश का आयुष नर्सेज राजस्थान आयुष नर्सेज संयुक्त संघ के बैनर तले अब तक का सबसे बडा आंदोलन करने जा रहा है। 

      इसकी शुरूआत आयुष नर्सेज अधिकार यात्रा से होगी। यह यात्रा दिनांक 19 दिसम्बर को आयुर्वेद निदेशालय, अजमेर पर प्रदर्शन के साथ प्रारम्भ होगी और वहाँ से प्रदेश भर के आयुष नर्सेज पैदल जयपुर के लिए रवाना होंगे। कडकडाती ठंड में विभिन्न पडावों पर रात्रि ठहराव करते हुए दिनांक 26 दिसम्बर को पूरे राजस्थान के नर्सेज जयपुर के शहीद स्मारक पर एकत्रित होंगे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर अपनी माँगों के विषय में अपना पक्ष रखेंगे। 

     अगर इस पर भी कोई समाधान नहीं निकला तो प्रदेश भर के आयुष नर्सेज शहीद स्मारक पर स्थाई महापडाव डाल देंगे तथा जब तक कोई समाधान नहीं मिल जाता तब तक वहीं अन्न-जल त्याग कर अपने प्राणों का उत्सर्ग करेंगे। 

     संयुक्त संघ के प्रदेश संयोजक धर्मेन्द्र फोगाट ने प्रेस प्रतिनिधियों को माँगों के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1998 में तत्कालीन राजस्थान सरकार के मुखिया ने केन्द्र में समान वेतन भत्ते मिलने को आधार बनाकर ऐलोपैथी और आयुष नर्सेज को प्रदेश में भी भविष्य में समान वेतन भत्ते देने का ऐतिहासिक निर्णय लागू  किया। 1998  से  वर्ष  2013 तक प्रदेश में सभी चिकित्सा पद्धतियों के नर्सेज बराबर वेतन भत्ते और सुविधाएँ प्राप्त कर भी रहे थे परन्तु वर्ष 2013 में कृष्णा भटनागर समिति की सिफारिशें लागू करते वक्त गलती से ऐलोपैथी नर्सेज और आयुष नर्सेज के वेतनमानों में मूल ग्रेड पे में 600 रूपए का भारी अंतर पैदा कर दिया गया। 

     पिछले 10 वर्षाें से आंदोलनरत आयुष नर्सेज केवल उस गलती का सुधार कर पहले की तरह समान व्यवस्था लागू करने की गुहार कर रहा है। आयुष विभाग में चिकित्सक संवर्ग का कैडर रिव्यू हुए 05 वर्ष बीत जाने के बाद भी राजस्थान में जहां सभी छोटे-बडे संवर्गों के कैडर रिव्यू हो चुके हैं, वहीं मात्र आयुष नर्सेज ही उपेक्षा का शिकार है। 

     प्रदेश में एलोपैथी नर्सेज का पदनाम परिवर्तित कर केन्द्र के अनुरूप नर्सिंग ऑफिसर कर दिया गया है। परन्तु आयुष नर्सेज की पदनाम परिवर्तन की फाईल भी वित्त विभाग में पिछले 10 वर्षाें से लंबित चल रही है। 2009 में गठित ग्रामीण केडर को ऐलोपैथी विभाग में 2015 में निरसन कर मुख्य केडर में मर्ज किया जा चुका है। बीएससी नर्सिंग योग्यताधारी नर्सेज को ऐलोपैथी की तर्ज पर नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों पर ट्यूटर के पद पर नियुक्त करने हेतु नियम संषोधन हों। 

     विष्व स्वास्थ्य संगठन एक चिकित्सक के अनुपात में तीन नर्स/ कम्पाउण्डर तथा केन्द्र सरकार एक चिकित्सक के अनुपात में दो नर्सेज का मापदण्ड रखता है परन्तु प्रदेश में बहुत से आयुष औषधालयों में केवल चिकित्सक का पद सृजित है नर्सेज का पद ही नहीं है। अतः एक चिकित्सक के अनुपात में एक नर्स/कम्पाउण्डर का पद भी नहीं होने के कारण पद विहीन औषधालयों में पद सृजित कर शीघ्र नियुक्ति दी जाये ताकि बेरोजगार आयुष नर्सेज को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें। 

     ड्रग एवं फार्मास्यूटीकल्स एक्ट में संशोधन करवाकर ऐलोपैथी की तर्ज पर आयुष मेडिकल स्टोर खोलने का लाइसेंस प्रषिक्षित फार्मासिस्ट होने के नाते आयुष नर्सेज को ही प्राप्त हों, आदि विभिन्न माँगों के पूरा होने तक आयुष नर्सेज का ये आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। 

     इस अवसर पर उदयसिंह राघव, भरतसिंह बाँगड, धर्मेन्द्र शर्मा, मोहन यदुवंशी, भगवान सिंह बलिदानी, महेश चंद, अर्जुन मूँड, आदि नर्सेज उपस्थित रहे।