जिहादी ने ली एक गरीब दलित डॉ. लड़की की जान

 News from - Sanjay Banka 

सरकार व राजनैतिक दल क्यों हैं खामोश ?

     तेलंगाना। आज तेलंगाना की डॉक्टर प्रीति जो एक दलित लड़की थी उसका निधन हो गया। डॉ प्रीति एक बेहद गरीब दलित परिवार से थी।  पिताजी मजदूरी करते थे।  उसने बिना कोचिंग के नीट क्वालीफाई किया था और वारंगल के काकथिया मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया था।

( डॉक्टर प्रीति)
     कॉलेज का सीनियर छात्र मोहम्मद सैफ प्रीति के ऊपर बुरी नजर डालता था। उसे काफी परेशान करता था और उसे गंदे और अभद्र सन्देश भेजता था। डॉ प्रीति ने इसकी शिकायत कालेज प्रशासन से और यहां तक कि तेलंगाना सरकार से भी किया। तेलंगाना सरकार इस्लाम परस्त सरकार है। पूरी सरकार असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी चलाते हैं। 

     अतः डॉ प्रीति के शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रीति के शिकायत पर कोई कार्रवाई न होते देख मोहम्मद सैफ का हौसला बढ़ गया। अब मोहम्मद सैफ ने प्रीति के कमरे में घुस कर उसके साथ छेड़खानी की। इसलिए डॉ प्रीति ने एक सुसाइड नोट लिखकर खुद को जहर का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर लिया।  

     कांग्रेस, सपा, बसपा, TMC, पवार - नेशनल कांग्रेस, शिवसेना, भीम आर्मी-सभी राजनीतिक दल बिल में घुसे हैं क्योंकि अपराधी मुस्लिम हैं। यही दलित वोट लेकर गद्दारी है। दलित कार्यकर्ता भी क्यों चुप हैं ?