यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी का तीसरा दीक्षान्त समारोह आयोजित

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डिग्रियां पाकर विद्यार्थियों के खिले चेहरे

समाज सेवा की तरफ विद्यार्थी दें ध्यान :- शिक्षा मंत्री डॉ कल्ला

कौशल शिक्षा की तरफ बढ़ रहा विश्व विद्यालय :- प्रेम सुराना

     जयपुर। विद्यार्थियों के चेहरे पर सफलता की चमक, तो आँखों में सुनहरे भविष्य का सपना सजोए, वहीं हाथों में डिग्रीयां पाने की खुशी विद्यार्थियों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी  (यूओटी) वाटिका, जयपुर के तीसरे दीक्षांत समारोह में दिखाई दिया। यह कार्यक्रम मानसरोवर स्थित यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक मुख्यालय के निर्मल सुराना ऑडिटोरियम  में आयोजित हुआ। 

     जिसमें मुख्य अतिथि परम आदरणीय ठिकाणा मेहन्दीपुर बालाजी मन्दिर, दौसा के महन्त श्री श्री 1008 नरेशपुरी महाराज और राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने विद्यार्थियों को डिग्री और मेडल प्रदान किये। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी का शुभकामना संदेश के रूप में वीडियो प्रसारित किया गया। 

     सम्मानित अतिथि के रूप में फार्मोसी काउन्सिल ऑफ़ इण्डिया, नई दिल्ली के प्रेसीडेंट डॉ. मोन्टू कुमार पटेल, जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर के पूर्व कुलपति डॉ. पी.सी. त्रिवेदी, एआईसीटीई के पूर्व वाईस चेयरमैन डॉ. एम.पी. पूनिया, कॉलेज एज्युकेशन कमिशनर सुनील शर्मा, विश्व हिन्दी साहित्य परिषद् के चांसलर और कानुनविद् डॉ. एच.सी. गणेसिया, यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चेयरमैन और चांसलर प्रेम सुराना, वाईस चेयरमैन डॉ. अंशु सुराना, कुलपति डॉ. वी.एन. प्रधान ने 20 विद्यार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई और विभिन्न संकायों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 35 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान करके सम्मानित किया गया। इन विद्यार्थियों को मेहन्दीपुर बालाजी द्वारा डिक्शनरी भी प्रदान की गई। 

उद्योगों के अनुसार शिक्षा की पहल 

     समारोह में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन प्रेम सुराना ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता निभाते हुए, राज्य के बेरोजगार एवं अल्प नियोजित युवाओं को उद्योग प्रासंगिक तकनीकी और साफ्ट कौशल प्रदान करने के लिए एक मंच स्थापित करने का निर्णय लिया है। देश जनसांख्यिकीय लाभांश के बावजूद युवा आबादी के रूप में उपलब्ध क्षमता का दोहन नहीं कर पाया है। 

     इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने युवाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए समर्थ के नाम से एक केन्द्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह केन्द्र वार्षिक रूप से कई कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिसमें संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास, सूचना प्रौद्योगिककी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, मशीन लर्निंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी, वैदिक गणित आदि शामिल है। 

     इस मोके पर वाइस चेयरमैन डॉ.अंशु सुराना ने कहा कि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और उद्योग प्रासंगिक कौशल प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय ने बीबीए, बीसीए और बीटेक कार्यक्रमों को चलाने हेतु एक अन्तर्राष्ट्रीय एडटेक कंपनी टेलेंट एज के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके अलावा, अबैकस और वैदिक गणित में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए एनएसडीसी द्वारा अनुमोदित कंपनी जी.ए. फ्यूचर एज्युकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया जा रहा है। 

नरेशपुरी महाराज और डॉ. पटेल को पी.एच.डी. की मानद् उपाधि

     समारोह में शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रेम सुराना ने परम आदरणीय ठिकाणा मेहन्दीपुर बालाजी मन्दिर, दौसा के महन्त श्री श्री 1008 नरेशपुरी जी महाराज और फार्मोसी काउन्सिल ऑफ़ इण्डिया, नई दिल्ली के प्रेसीडेंट डॉ. मोन्टू कुमार पटेल को पीएच.डी. की मानद् उपाधि प्रदान की गई। 

     इस मोके पर शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अब समाज सेवा से जुड़कर देश के विकास में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जीवनपर्यन्त परिश्रम करते हुए ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए। वहीं नरेशपुरी महाराज ने डिग्रिया प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। कार्यक्रम के अन्त में मेहन्दीपुर बालाजी की ओर से उपस्थित गणमान्य लोगों को प्रसाद वितरित किया गया।