Poem from - Jitendra Naag
श्री चित्रगुप्त महिमा मंडन
नैन का चैन चुरा कर ले गये,
कर लो मन से ध्यान।
आभा मंडल तीव्र है जिसका,
चित्रगुप्त है नाम। .
ओs नैन का चैन ...
1. अखियाँ काली और कजरारी,
चौड़ा मस्तक और भाल तिलक है
लहरदार काले केश हैं,
जिस पे स्वर्णिम मुकुट सजा है।
ऐसा मुखमंडल है उसकाsss
चित्रगुप्त है नाम .....
ओs नैन का चैन .....
2. एक हाथ में लेखनी है,
दूजे हाथ में है "दवात",
"पुस्तिका" है तीजे में
चौथे हाथ में है "कृपाण",
ब्रह्माण्ड का प्रथम न्यायाधीश वोsss
चित्रगुप्त है नाम।
ओs नैन का चैन ....
कर लो मन से ध्यान,
आभामंडल तीव्र है जिसका
चित्रगुप्त है नाम।
ओss नैन का चैन चुरा कर ले गये।
(स्वरचित रचना ... जितेन्द्र नाग)