हड़ताली कर्मचारियों से निगम प्रबंधन की पहली वार्ता विफल, महापड़ाव से प्रदेश में गड़बड़ाया विधुत तंत्र

News from - Mukut Bihari

राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन महापड़ाव तीसरे दिन भी जारी, मांगो पर लिखित आदेश जारी नही होने से जारी रहेगा महापड़ाव

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ और कनिष्ठ अभियंता संघ के प्रतिनिधि समर्थन में महापड़ाव पहुँचे

जयपुर डिस्कॉम के कई आला अधिकारियों ने जिला कलेक्टर और एसडीएम को आंदोलन का लेटर देकर पल्ला झाड़ा

उधर जोधपुर डिस्कॉम ने मंत्रालय कर्मचारियों की 33 केवी जीएसएस पर ड्यूटी लगाई

रात को मोबाईल टॉर्च जलाकर किया अनोखा प्रर्दशन

     जयपुर। राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश व्यापी आव्हान पर 13 सूत्री मांग पत्र को लेकर जयपुर के जगतपुरा स्थित सीबीआई फाटक  के पास शुरू हुआ महापड़ाव बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। जिसमें प्रदेश भर के करीब 20 हजार से अधिक कर्मचारी मौजूद थे। 

     महापड़ाव के तीसरे दिन निगम प्रबंधन द्वारा आंदोलनकारियों को वार्ता के बुलाया गया। शाम 4 बजे शुरू हुई वार्ता करीब 1 घंटे चली, जिनसे निगम प्रबंधन ने मांगो पर सहमति जताई और जल्द मांगे पूरी करने का निर्णय लिया, लेकिन आंदोलनकारी नेताओ ने मांगो पर लिखित आदेश जारी नही करने के कारण वार्ता को छोड़ दिया, जिससे पहले दौर की वार्ता विफल हुई। 

     राजस्थान विधुत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने मांगे पूरी नही होने तक व लिखित आदेश जारी नही होने तक महापड़ाव जारी रखने का निर्णय लिया। बुधवार को महापड़ाव को राजस्थान राज्य विधुत मंत्रालयिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष लिखमाराम जाखड़ प्रतिनिधित्व मंडल के साथ महापड़ाव के समर्थन के पहुँचे।  

     प्रदेशाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि हजारों कर्मचारी जयपुर में आन्दोलनरत है। लेकिन निगम अपनी हठधर्मिता नही छोड़ रही है, वो जितना ज्यादा समय मांगे पूरी करने में लगा रहे है, उतना ही कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सरकार और निगम प्रबंधन मांगो को पूरा नही करती है तो कर्मचारियों का धैर्य कभी भी जवाब दे सकता है। इसलिए कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा निगम और सरकार नही ले, वरना परिणाम गंभीर हो सकते है। 

 इन मांगों को लेकर डाला जा रहा है महापड़ाव:

     21 से जयपुर में होने वाले महापड़ाव में पुरानी पेंशन की विसंगती को दूर करने की मांग के साथ-साथ एक निगम से दूसरे निगम में स्थानांतरण करने, नये केडर का आॅप्शन ले चुके टेक्नीकल हेल्पर कर्मचारियों के 2400 एवं 2800 ग्रेड पे के जयपुर डिस्कॉम की भाँति फिक्सेशन डेट आॅफ जॉइनिंग से करने, दिसम्बर 2015 में हुई टूल डाऊन हड़ताल से पीड़ित प्रसारण निगम के कर्मचारियों के विरूद्ध की गई समस्त दमनात्मक कार्यवाहियों को निरस्त करने, 

     नए केडर में आॅप्शन ले चुके डिप्लोमाधारी तकनीकी कर्मचारियों को पुराने केडर में 01.04.2018 व 01.04.2019 की स्थिति में प्रमोशन दिलाने, हेल्पर द्वितीय की ग्रेड पे 1750 या 1850 से बढ़ाकर 2000 करने, आरजीएचएस स्कीम को विधुत निगमों में भी राज्य सरकार के अन्य विभागों के समान तरीके से लागू करने, आउटडोर की लिमिट राशि को राज्य सरकार के विभागों की तरह अनलिमिटेड करने, 01.01.2004 से पूर्व में नियुक्त कार्मिकों एवं विधुत निगम पेंशनरों को भी आरजीएचएस स्कीम की सुविधा राज्य सरकार के कार्मिकों की भाँति दिलाने, 

     हार्डड्यूटी अलॉउंस राशि दिलाने, बिजली कर्मचारियों के लिए बिजली फ्री करने, 12 वीं पास अनुकंपा नियुक्ति कर्मचारियों को एलडीसी बनाया जाने, विद्युत निगमों में कनिष्ठ अभियंता द्वितीय की पोस्टों को पुनर्जीवित करके अन्य विभागों की भांति डिप्लोमा होल्डर तकनीकी कर्मचारियों को पदोन्नति देने, मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार एफआरटी टीम एवं जीएसएस संचालन के लिए लगाए गए कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्त करके संविदा पर लगाने, सीनियर इंजिनियरिंग सुपरवाईजर का पद पुनर्जिवीत कर सृजित करने, प्रसारण निगम में प्रत्येक 132 केवी जीएसएस पर इंजिनियरिंग सुपरवाईजर का पद सृजित करने की मांग रखी।