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भारतीय इंडस्ट्री में फार्मास्यूटिकल सेक्टर की आवश्यकता
जयपुर। सीतापुरा स्थित रीजनल कॉलेज ऑफ फार्मेसी एवं यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, वाटिका रोड, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार 17 अगस्त को एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया । आयोजन का विषय था वर्तमान परिपेक्ष में भारतीय औद्योगिक एवं फार्मेसी संस्थानों के बीच अंतर को कम करना।
इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में सेमिनार में यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टइंडीज त्रिनिदाद एवं टोबैगो के प्रोफेसर डॉक्टर एमएम गुप्ता द्वारा छात्रों एवं शिक्षकों को प्रॉब्लम बेस लर्निंग के माध्यम से बताया गया की आज के समय में भारतीय इंडस्ट्री की आवश्यकता को फार्मास्यूटिकल सेक्टर की विभिन्न संस्थाएं इस कन्सेप्ट के माध्यम से काफी हद तक कम कर सकती है।
कार्यक्रम में डॉ प्रेम सुराणा चेयरमैन दीपशिखा कला संस्थान ने बताया कि इस तरह के सेमिनार छात्रों के सर्वांगीण विकास में काफी मददगार साबित होंगे। इसी कड़ी में संस्था के वाइस चेयरमैन अंशु सुराणा ने इस सेमिनार की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छात्रों को इस तरह की लर्निंग सिस्टम पर अपना फोकस करना चाहिए।
संस्था की डायरेक्टर डॉ इंदु शर्मा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि का स्वागत करते कहा कि आज के परिपेक्ष में ग्लोबल लीड को देखते हुए ऐसे कार्यक्रम अवश्य होने चाहिए। अंत में कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर ताराचंद ने बताया की प्रॉब्लम बेस लर्निंग के माध्यम से जो आज सेमिनार आयोजित किया गया है, यह छात्रों के भविष्य के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य करेगा।
सेमिनार में विभिन्न महाविद्यालयों के करीब 500 विद्यार्थियों एवं अध्यापकों ने भाग लिया। इसी कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी फार्मेसी डिपार्टमेंट से दौलत सिंह ने छात्रों को इस तरह के कार्य सेमिनार अटेंड करने को प्रोत्साहित किया।