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रिसर्च में चुनौतियों और समाधान पर चर्चा
जयपुर। दीपशिखा ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के रीजनल कॉलेज फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी, सीतापुरा और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में साइंटिफिक एंड ह्यूमैनिटीज रिसर्च सोसाइटी, जयपुर के सहयोग से छह दिवसीय इंटरनेशनल एफडीपी का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि आरटीयू (कोटा) के वाइस चांसलर प्रोफेसर डॉ. एस. के. सिंह ने अपने विचार रखे।
डॉ. एस. के. सिंह ने एफडीपी को अत्यंत उपयोगी बताते हुए दीपशिखा ग्रुप को शुभकामनाएं दीं और रिसर्च के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम भविष्य की चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
दीपशिखा ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के वाइस चेयरमैन डॉ. अंशु सुराणा और डायरेक्टर डॉ. अशोक सिंह शेखावत ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत किया। एफडीपी के कन्वीनर डॉ. केदार नारायण बेरवा और डॉ. कपिल पाल ने जानकारी दी कि इस कार्यक्रम में 2000 प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया है।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर अंशुमान श्रीवास्तव (डायरेक्टर, एसआईआईटी, भारत सरकार) ने रिसर्च राइटिंग में प्लैगिरिज्म से जुड़ी समस्याओं और उनसे बचने के तरीकों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख ई. महेंद्र सैनी ने मंच संचालन किया। इस एफडीपी में देश-विदेश के हजारों फैकल्टी, रिसर्च स्कॉलर्स और छात्र सम्मिलित हुए, जिससे यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।