संविदा कार्मिक मनीष सैनी के लिए शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा एवं उपवास का आयोजन किया गया

 News from - रतन कुमार 

     जयपुर। शासन और सरकार के शोषण के कारण आत्म हत्या को विवश हुए संविदा कार्मिक मनीष सैनी को श्रद्धांजलि अर्पित करने तथा संविदा कार्मिकों के शोषण के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने गांधी जयंती के अवसर पर आज प्रातः 11 बजे से अपराह्न 1.00 बजे तक शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि सभा एवं उपवास का आयोजन किया। श्रद्धांजलि सभा में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के साथ ही संविदा कार्मिकों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

     अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की जिला शाखा दौसा के प्रतिनिधि मंडल ने आज दिवंगत संविदा कार्मिक साथी श्री मनीष सैनी के घर जाकर परिवार को संबल प्रदान किया एवं संयुक्त महासंघ की ओर से 31 हजार रुपए की सहयोग राशि प्रदान की गई।

     अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को संविदा कार्मिक के रूप में नियुक्ति कर शासन एवं सरकार के द्वारा विगत 20 वर्षों से लगातार शोषण किया जा रहा है। सविंदा कार्मिक मनीष सैनी का प्रकरण तो और भी अधिक विचलित करने वाला है। जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा तय न्यूनतम पारिश्रमिक 6734 रुपए के स्थान पर मात्र 5600 रुपए दिए जाकर इस परिवार का विगत 17 वर्षों से शोषण किया जा रहा था। 

     आश्चर्यजनक स्थिति तो यह है कि शासन, सरकार और समाज के शोषण के विरुद्ध न्याय प्राप्त करने के लिए कोई भी व्यक्ति न्यायालय में जाता है और न्यायालय से शोषण से मुक्ति के लिए न्याय की अपेक्षा रखता है लेकिन  मनीष सैनी के प्रकरण में तो माननीय न्यायालय में ही नियुक्ति होने पर वहां भी न्यूनतम मानदेय भी प्रदान नहीं किया जाना शासन और सरकार की व्यवस्थाओं पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है।

     प्रदेश में विगत 20 वर्षों से कर्मचारियों के नियमित पदों पर संविदा कार्मिकों को नियुक्त किया जाने की परंपरा बनाई हुई है। इसके कारण जहां एक और प्रदेश के युवा बेरोजगारों का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर नियमित पदों पर संविदा कर्मियों की नियुक्ति से आमजन के कार्य भी बहुत अधिक प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश के युवा बेरोजगारों की संविदा कार्मिकों के रूप में नियुक्ति एक प्रकार से राजतंत्र की बंधुआ मजदूरी तथा साहूकारी प्रथा की परिचायक है। 

     जिसे आजाद हिंदुस्तान की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार नही किया जा सकता। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ प्रारंभ से ही समस्त संविदा कार्मिकों को नियमित करने तथा संविदा प्रथा पर नवीन नियुक्तियां नहीं करने की आवाज उठाता रहा है।

     महामंत्री महावीर सिहाग ने कहा कि साथी संविदा कार्मिक मनीष सैनी की आत्महत्या विचलित कर देने वाली है। यह आत्म हत्या नही है, यह शासन और सरकार द्वारा की गई हत्या है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने समस्त संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण एवं संविदा पर नियुक्ति पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए जन. आंदोलन करने का निर्णय लिया है।

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ सरकार से मांग करता है किः -

* 01:-आत्महत्या को विवश हुए संविदा कार्मिक श्री मनीष सैनी के परिवार के पालन पोषण के लिए परिजनों को न्यूनतम 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जावे । 

02:-संविदा कार्मिक श्री मनीष सैनी की धर्मपत्नी श्रीमती सीमा सैनी को सरकार में नियमित पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जावे।

03:- मनीष सैनी के 5 वर्ष की पुत्री एवं 18 माह के पुत्र को बालिग होने तक निशुल्क चिकित्सा तथा शिक्षा उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जावे।

04:-प्रदेश में Rajasthan contractual hiring to civil post rules-2022 के के तहत नियुक्त संविदा कर्मियों को प्रक्रियाधीन सेवा नियमों को अतिशीघ्र जारी करते हुए नियमित नियुक्ति प्रदान की जावे।

05:-केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 27 सितंबर 2024 को न्यूनतम पारिश्रमिक के संबंध में जो संशोधन किए गए हैं वह राजस्थान में भी अतिशीघ्र लागू किए जावे।

06:- ठेका कर्मी, प्लेसमेंट एजेंसी एवं निविदा के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को राज्य सरकार की आर.एल.एस.डी.सी के माध्यम से नियुक्ति की बजट घोषणा को पूर्ण करते हुए ठेकेदारों के शोषण से मुक्ति प्रदान की जावे। 

     श्रद्धांजलि सभा में आज  महासंघ के वरिष्ठ नेता दररथ सिंह, प्रदीप कुमार, भगवती प्रसाद, रमेश चंद्र, धर्मेन्द्र फोगाट, प्यारे लाल, मोहन मीणा, लेखराज, हनुमान सिंह, सीताराम, दीपक खींची, महेंद्र तिवाड़ी, जयपुर शहर जिला अध्यक्ष हरि नारायण यादव, जयपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष राहुल टोडावता, जिला मंत्री रतन प्रजापति, धर्मेन्द्र शर्मा, नन्दलाल, शंशाक शर्मा, निरंजन शर्मा सहित सैकड़ों कर्मचारी नेता शामिल रहे।