उत्तराखंड के बाद अब पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन खिलाड़ियों को देगा सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट

     जिस समय से सौरव गांगुली के रूप में भारत को नया बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष मिला है तबसे भारतीय क्रिकेट में बदलाव देखने को मिल रहे हैं. सौरव गांगुली की कोशिशों का ही नतीजा है कि भारत पहली बार डे-नाइट टेस्ट मैच खेल रहा है. सौरव गांगुली ने कहा था कि बतौर BCCI अध्यक्ष उनकी कोशिश है कि वह घरेलू क्रिकेट और क्रिकेटर्स का जीवन बदलें. इसकी शुरुआत करते हुए उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट की बात कही थी जिसका असर देखने को मिल रहा है.




पंजाब किक्रेट एसोसिएशन देगा सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट - उत्तराखंड के बाद अब पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने भी अपने खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट देने का फैसला किया है. पीसीए अब 2020-21 सीजन में अपने टॉप 30 खिलाड़ियों को सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट देगा. शनिवार को मोहाली में पीसीए की पहली एपेक्स काउंसिल मीटिंग हुई जिसमें यह फैसला किया गया. फैसले के मुताबिक 30 खिलाड़ियों को ए,बी और सी तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा.


तीन कैटेगरी में बांटे जाएंगे टॉप 30 खिलाड़ी - ए कैटेगरी में 10 खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा जिन्हें हर साल आठ लाख रुपए दिए जाएंगे. वहीं बी कैटेगरी में भी 10 खिलाड़ी होंगे जिन्हें सलाना छह लाख रुपए दिए जाएंगे. सी कैटेगरी में अंडर 16 और अंडर 19 के 10 खिलाड़ी शामिल होंगे जिन्हें हर महीने 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. सैंट्रल कॉन्ट्रेक्ट के लिए इन खिलाड़ियों का चयन तय सीजन में उनके प्रदर्शन के दम पर किया जाएगा. इसके लिए सब कमेटी बनाई जाएगी जो सेलेक्शन के नियम तय करेगी.


बीसीसीआई घरेलू क्रिकेटर को हर मैच के लिए देती है पैसा - फिलहाल एक घरेलू क्रिकेटर को सालाना 25 से 30 लाख रुपये मिलते हैं. हर प्रथम श्रेणी मैच के लिये 35000 प्रतिदिन मिलते हैं. बीसीसीआई को प्रसारण अधिकारों से मिलने वाले सकल राजस्व का 13 प्रतिशत घरेलू क्रिकेटरों में बांटा जाता है. भारत में पहले कोई राज्‍य क्रिकेट एसोसिएशन अपने खिलाड़ियों को कॉन्‍ट्रेक्‍ट नहीं देती थी लेकिन उत्‍तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ऐसा करने वाला पहला राज्य बना था. अब उनके बाद पंजाब इस लिस्ट में शामिल होने वाला दूसरा राज्य बन गया है.