सीआरपीएफ के जवानों ने जीटीबी अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया है ताकि अस्पताल में खून की कमी न हो। यहां दिल्ली हिंसा में घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है।
- दिल्ली हिंसा में झुलसे लोगों की जान बचाने को आगे आए CRPF के जवान
- जीटीबी अस्पताल में जाकर दिया खून, यहां कई घायलों का चल रहा इलाज
- अबतक हिंसा में 36 लोगों की हो चुकी है मौत, 200 से अधिक लोग घायल
- (एम्स के ब्लड डोनेशन ड्राइव में सुरक्षाकर्मी कर रहे रक्तदान - CRPF फोटो)
राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जब नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोधी और समर्थक भिड़े तो हिंसा में कई घरों के चिराग बुझ गए। किसी ने अपनों को खोया, तो कोई अपनों को अस्पताल में मौत और जिंदगी के बीच जूझता देख रहा है। दिल्ली की इसी सड़क पर हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की दंगाइयों ने जान ले ली, तो गंभीर रूप से घायल डीसीपी अमित शर्मा का अस्पताल में अब भी इलाज चल रहा है। ऐसे हालात में पैरा-मिलिटरी फोर्स उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा दे रही है तो वहीं, हिंसा की आग में झुलसे दिल्लीवासियों की जान बचाने के लिए सीआरपीएफ के जवानों ने अपना खून दिया है।
इस बीच,सीएपीएफ के 1500 सुरक्षाकर्मियों ने एम्स की तरफ आयोजित कैम्प में गुरुवार को ब्लड डोनेशन कैम्प में हिस्सा लिया। सीएपीएफ के अंतर्गत आने वाले सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी के कर्मियों ने ब्लड डोनेट किया है। सीएपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसमें सीरआरपीएफ के 500 कर्मी, सीआईएसएफ के 400, बीएसएफ के 350 और आईटीबीपी के 100 सुरक्षाकर्मियों ने ब्लड डोनेट किया है। सीआईएसएफ के डायरेक्टर जनरल राजेश रंजन, बीएसएफ के चीफ वी के जौहरी और आईटीबीपी के डी जी एस एस देसवाल एम्स के ब्लड डोनेशन ड्राइव में अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे।