इलाज के बाद दोबारा भी हो सकता है कोराना वायरस - इससे जुड़ी अहम बातें

     चीन के वुहान से कहर बरपाना शुरू करने वाला कोरोना वायरस अब तक करीब पचास देशों में अपने पांव पसार चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय के साथ ये वायरस और अधिक शक्तिशाली होता जा रहा है। हाल ये है कि अंदाजा लगाना ही मुश्किल हो गया है कि यह अभी कितना भयावह रूप लेगा। हाल में संक्रमण फैलने से जुड़े पांच मामले तो यही दर्शाते हैं... 



1. संपर्क होना जरूरी नहीं - अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक ऐसा व्यक्ति संक्रमित पाया गया, जिसने किसी संक्रमित देश या इलाके का दौरा नहीं किया था। यहां तक की कि ऐसी किसी जगह से आए व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं था। अमेरिका में इस तरह के कोरोना को सबसे गंभीर माना जा रहा है।


 –  मतलब साफ है कि संक्रमणग्रस्त इलाकों में जाने या इस वायरस से प्रभावित लोगों के संपर्क में आए बिना भी कोरोना फैल रहा है।


2-ज्यादा लोगों से मिलने पर खतरा - कोरियाई एयरलाइंस की एक महिला कर्मी में पिछले हफ्ते सियोल से लॉस एंजलिस की उड़ान के दौरान संक्रमण की पुष्टि हुई। जानकारी के मुताबिक इस यात्रा के दौरान संक्रमण की पुष्टि होने से पहले उसने तीन अन्य विमानों में भी ड्यूटी की थी।


 - जो लोग अपने काम या अन्य वजहों से ज्यादा लोगों से संपर्क में आते हैं, उनके खुद चपेट में आने और इस वायरस का वाहक बनने का खतरा ज्यादा है।


3-लक्षणविहीन संक्रमित मरीज - चीन में 20 वर्षीय युवती का केस वाकई इस रोग की जटिलता को बताता है। उसने वुहान से 700 किलोमीटर दूर की यात्रा की और उसके संपर्क में आए पांच रिश्तेदार संक्रमित हो गए। इन लोगों में रोग के लक्षण दिखे मगर उस युवती में कोरोना के लक्षण पता लगने में एक सप्ताह लग गया।


 - किसी व्यक्ति में यह वायरस विशेष लक्षण दिखे बिना भी पहुंच सकता है। बाद में भी ऐसे कुछ और मामले सामने आए।


4-हर जगह सावधानी जरूरी - दक्षिण कोरिया में एक विशेष पंथ को मानने वाले ईसाई समुदाय के लोगों को कोरोना वायरस ने जकड़ लिया। शिनचोनजी चर्च ऑफ जीसस में जाने वाले करीब 1300 लोगों को अब तक संक्रमण हो चुका है। इस पंथ के 2.12 लाख सदस्य हैं।


 - समुदाय विशेष की प्रार्थना स्थल या इकट्ठे होने के स्थान पर यह वायरस बहुत बड़ी संख्या में संक्रमण फैला सकता है।


5-दोबारा संक्रमण संभव - जापान के ओसाका में 40 वर्षीय एक बस गाइड महिला ने पिछले माह कोरोना से संक्रमित होने के बाद इलाज कराया था। ठीक होने के तीन हफ्ते बाद फिर उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। चीन के बाहर किसी व्यक्ति में दो बार संक्रमण का ये पहला मामला है।


  - यह वायरस शरीर में शिथिल अवस्था में रहता है जो इलाज कराने के बाद दोबारा सक्रिय हो सकता है।