अनुकंपा नियुक्ति पर बेटी को सफाईकर्मी बनाया - 12 साल बाद काबिलियत से अंग्रेजी की शिक्षिका बनीं

  • 39 साल की लिंजा आरजे ने सफाईकर्मी के काम के साथ बीए, एमए, बीएड और केटीईटी की परीक्षाएं पास कीं

  • 2001 में पिता की मौत के बाद कन्हंगड़ स्थित इक्बाल हायर सेकंडरी स्कूल ने योग्यता और वैकेंसी के आधार पर काम का ऑफर दिया था



     केरल के कन्हंगड़ स्थित इक्बाल हायर सेकंडरी स्कूल में 39 साल की लिंजा आरजे सफाईकर्मी थीं। उन्हें पिता के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। आज वह इसी सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में अंग्रेजी की शिक्षिका हैं। लिंजा की तरक्की को देख स्कूल की हेडमिसट्रेस प्रवीना एमवी ने कहा, ‘‘वह एक दिन स्कूल की प्रिंसिपल भी बन सकती है।’’ लिंजा के इस मुकाम को हासिल करने की शुरुआत 2001 से हुई थी। वह स्नातक के आखिरी साल में थी, जब 47 साल की उम्र में उनके पिता का निधन हो गया था। 


   लिंजा के पिता स्कूल में संस्कृत पढ़ाते थे। लिंजा की योग्यता के आधार पर स्कूल ने उन्हें सफाईकर्मी का काम अनुकंपा के रूप में ऑफर किया। उन्हें यह ऑफर वैकेंसी नहीं होने के कारण दिया गया था। लिंजा का भाई दसवीं में था और परिवार की जरूरत को देखते हुए लिंजा ने सफाई कर्मी का काम स्वीकार कर लिया। लिंजा ने बताया, जब स्कूल में सफाई का काम नहीं होता तब मैं हेड मिसट्रेस के रूम में बैठकर पढ़ती थी। यहां काम के साथ पढ़ाई करते हुए मैंने बीए और इंग्लिश में एमए किया। 


   2016 में मैंने स्कूल से चौकीदार और सफाईकर्मी का पद से छुट्‌टी ले ली और बीएड की तैयारियों में लग गई। यह स्कूल में शिक्षिका बनने के लिए जरूरी था। इसके साथ ही निजी स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाना शुरू किया। मैंने यह काम पांच साल 2012 तक किया। 2013 में इक्बाल स्कूल ने फिर मुझे सफाई कर्मी के तौर पर जॉइन करने के लिए कहा। मैंने दोबारा जॉइन कर लिया। अब मैं अपने जॉब से संतुष्ट।