रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 2024 के बाद भी 2 कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ करने के लिए रूसी संविधान में बदलाव का कानून। संवैधानिक सुधारों के कानून पर पुतिन ने शनिवार को किए दस्तखत।
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संवैधानिक सुधारों से जुड़े कानून पर शनिवार को किए दस्तखत
- संवैधानिक सुधारों के तहत पुतिन के 2024 के बाद भी राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो सकता है
- इस कानून को संवैधानिक अदालत से हरी झंडी मिलने के बाद 22 अप्रैल को रूस की जनता वोटिंग करेगी
- मौजूदा प्रावधानों के तहत 2024 में पुतिन को देना पड़ेगा इस्तीफा, 2 और कार्यकाल के लिए बदल रहे कानून
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को प्रस्तावित संवैधानिक सुधारों से जुड़े कानून पर दस्तखत कर दिए। इन संशोधनों के जरिए राष्ट्रपति के तौर पर उनके 2 और कार्यकालों का भी रास्ता साफ होने वाला है। क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का दफ्तर) ने संवैधानिक सुधार से जुड़े 68 पेज के कानून को अपने ऑफिशल वेबसाइट पर छापा है। हालांकि, इस मामले में कानून बनाने के परंपरागत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
संवैधानिक अदालत करेगी कानून पर फैसला - इस कानून को अब रूस की संवैधानिक अदालत में भेजा जाएगा जो एक हफ्ते में इसका फैसला करेगी कि इसे मंजूरी दी जाए या नहीं। इसके बाद इस कानून पर रूसी लोग वोटिंग करेंगे। क्रेमलिन ने वोटिंग के लिए 22 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।
अदालत से हरी झंडी मिली तो 22 अप्रैल को होगी वोटिंग - रूसी सेनेट के स्वीकर वेलेंटिना मैट्विंको ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि कोरोना वायरस की वजह से चिंताओं के बावजूद वोटिंग होगी। वैसे ऐसी भी चर्चाएं हैं कि क्रेमलिन इंटरनेट के जरिए वोटिंग का फैसला ले सकती है, जबकि विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं।
67 साल के व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अपने 2 और कार्यकाल का रास्ता साफ करने वाले प्रस्ताव का समर्थन किया। अभी की संवैधानिक व्यवस्था के तहत 2024 तक वह राष्ट्रपति रह सकते हैं और उसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। रूसी राष्ट्रपति ने वैसे तो जनवरी में ही कहा था कि वह संविधान में संशोधन करेंगे लेकिन वह लगातार इस बात से इनकार करते रहे कि वे प्रस्तावित बदलाव अपने कार्यकाल को बढ़ाने के लिए करने वाले हैं।