लॉक डाउन के चलते इमरजेंसी सर्विस वालों को घर का आराम व् घर वालों से मिले बहुत दिन बीत गए. जब से लॉक डाउन शुरू हुआ फुर्सत का एक पल भी नसीब नहीं हुआ इन सबको। चाहे डॉक्टर की ड्यूटी हो या फिर पुलिस की. कोरोना वायरस को रोकने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी इन्ही पर है. लगभग 24 घंटे की ड्यूटी चल रही हे इनकी. अगर यही ड्यूटी किसी महिला कर्मचारी की हो तो बात और विशेष हो जाती है.
(Photo - SI संध्या ड्यूटी पर व् फुर्सत के क्षण परिवार के साथ)
ऐसा ही देखने में आया कि जूनी इंदौर थाने मैं पदस्पद सुब -इंस्पेक्टर संध्या श्रीवास्तव का, जो कई दिनों से इस कोरोना संक्रमण से अपने शहर के लोगों को बचाने मैं दिन-रात एक कर रही हैं. अपने शहर का ध्यान रख रही हैं और परिजन इनका ध्यान रखते हैं. संध्या का जब भी घर आना होता है वो हर बार घर के बाहर दरवाजे से ही माँ के हाथों बना खाना खाकर और परिजनों से दूर से ही मिलकर ड्यूटी पर लौट जाती हैं।
उनकी अपने काम के प्रति लगन, ईमानदारी, समर्पण और जिम्मेदारी को हम सबके सामने लाना चाहते हैं जिससे अन्य लोग भी प्रेरणा ले सकें. अपनी जान को जोखिम में डालकर भी शहर वासियों को इस महामारी के विरुद्ध जागरूक करने में लगी हैं। यह उन लोगों के लिए भी एक सन्देश है जो लोग अपनी जिम्म्मेदारी को नहीं समझ रहे हैं और लगातार नियमों का उललंघन कर रहे हैं.