राजस्थान में चूरू जिले के एक निजी अस्पताल के कर्मियों द्वारा कोरोना वायरस संक्रमित मुस्लिम मरीजों को नहीं देखने के बारे में आपस में कथित रूप से चर्चा करने का एक स्क्रीनशॉट व्हाट्स एप पर वायरल होने के बाद पुलिस ने अस्पताल के तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने रविवार को बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत का एक स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच कर रही है।
जिले के सरदारशहर शहर के श्रीचंद बरदिया रोग केंद्र में काम करने वाली दो महिलाओं के बीच व्हाट्स एप मैसेज के स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को केस दर्ज किया है। भारतीय दंड संहिता (IPC)की धारा 153A (किसी भी धर्म पर हमला) और सार्वजनिक उपद्रव के लिए जिम्मेदार बयानों के तहत रविवार को आरोपियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है।
सरदारशहर पुलिस स्टेशन के एसएचओ महेंद्र दत्त शर्मा ने रविवार को कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें एक डॉक्टर, एक लैब टेक्नीशियन और एक कंपाउंडर का नाम शामिल है। चूरू के सरदारशहर में डॉ सुनील चौधरी के श्रीचंद बरडिया रोग निदान केन्द्र के कर्मचारियों ने यह कथित संदेश लिखा था । चौधरी ने फेसबुक पर माफी मांगी और कहा कि उनके अस्पताल के कर्मचारियों का उद्देश्य किसी भी प्रकार से किसी धार्मिक समुदाय के लोगो की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।
अस्पताल के कर्मचारियों के बीच व्हाट्स एप पर वायरल होने वाले एक संदेश में कहा गया कि मैं शपथ लेता हूं कि कल से हम मुस्लिम रोगियों का एक्स-रे नहीं करेंगे। एक अन्य संदेश में लिखा है कि हमें मुस्लिम मरीजों के इलाज करना बंद कर देना चाहिए।