अपने ही मृत वायरस के हाथों मरेगा कोरोना! जानिए देसी कोवेक्सीन के बारे में

     कोरोना वायरस से देश सहित पूरी दुनिया परेशान है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अब कोरोना वायरस चंद दिनों का ही मेहमान है। भारत की पहली देसी वैक्सीन  कोवेक्सीन (COVAXIN) 15 अगस्त को लॉन्च हो सकती है। कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है और ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। यह वैक्सीन फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार की है। भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से जल्द से जल्द  वैक्सीन की लॉन्चिंग संभव हो सकती है। ICMR ने भारत बॉयोटेक से ट्रायल को फास्ट ट्रैक मोड में पूरा करने को कहा है। 



कोरोना का वायरस ही खत्म करेगा कोरोना को - हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है। भारत बायोटेक से स्टेप के साथ इस वैक्सीन को बनाने का काम शुरू किया था। सबसे पहले कोरोना वायरस से जुड़े SARS-CoV-2 स्ट्रेन को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूमं ट ऑफ वायरोलॉजी में अलग किया गया और ये स्ट्रेन हैदराबाद की लैब भेजा गया। जहां पर इस वायरस के स्ट्रेन से इनएक्टिवेटिड वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया हुया। हैदराबाद की जिनोम वैली के बायोसेफ्टी लेवल- 3 लैब में इस वैक्सीन को तैयार किया गया है। 


     इस वैक्सीन को तैयार करने में कोरोना के ही मृत वायरस का इस्तेमाल हुआ है। जो शरीर में जाते ही अपना असर दिखाएगा औऱ शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनने लगेंगी। जब शरीर में वायरस का हमला होगा तो शरीर में एंटीबॉडीज मौजूद रहेंगी जो संक्रमण से बचाएंगी। हालांकि अभी वैज्ञानिक इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि वैक्सीन के द्वारा संक्रमण को रोका जा सकता है कि नहीं। 


क्लीनिकल ट्रायल सफल, अब ह्यूमन ट्रायल की तैयारी - भारत बायोटेक का कहना है कि हैदराबाद की लैब में इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल हो चुका है। जिसका रिजल्ट सौ प्रतिशत सही आ चुका है। इस वैक्सीन ने शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम पर अच्छा इफेक्ट डाला है।  अब इसका ह्यूमन ट्रायल होगा जो इसी सप्ताह से शुरू होगा। इस वैक्सीन के अलावा भारत की करीब 6 कंपनियां कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हैं।


भारत बायोटेक पहले भी बना चुकी है ये वैक्सीन -  भारत बायोटेक पहली बार कोई वैक्सीन नहीं बना रही हैं बल्कि इसके पास अच्छा खासा अनुभव है। इससे पहले  कई विदेशी फार्मा कंपनियों के लिए बायोटेक ने रेबीज, जीका वायरस, पोलिया, चिकनगुनिया और  जापानी इन्सेफेलाइटिस के लिए भी वैक्सीन तैयार की है।